नई दिल्ली। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने शुक्रवार को भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आईडीबीआई बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने बताया कि इरडा के निदेशक मंडल ने एलआईसी को डूबे कर्ज के बोझ से दबे आईडीबीआई बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति दे दी है।
सूत्रों ने बताया कि एलआईसी आईडीबीआई बैंक में 10 से 13 हजार करोड़ रुपए का निवेश किस्तों में करेगी। सूत्रों ने बताया कि बीमा कंपनी अगले 5 से 7 सालों में बैंक में अपनी हिस्सेदारी 15 प्रतिशत कर लेगा। मूल्याकंन सेबी के नियमों के अनुसार तय किया जाएगा।
सौदे के बाद आईडीबीआई बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे आ जाएगी। एलआईसी द्वारा बहुलांश हिस्सेदारी खरीदने की खबरों के बीच आज आईडीबीआई बैंक के शेयर में 10 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। बैंक का मार्केट कैप 7,566.73 करोड़ रुपए बढ़कर 22,954.73 करोड़ रुपए हो गया।
वर्तमान में सरकार की आईडीबीआई बैंक में 80.96 प्रतिशत हिस्सेदारी है और इस सौदे में आईडीबीआई बैंक के रियल एस्टेट और गैर-प्रमुख इकाइयां भी शामिल हो सकती हैं, जिनका मूल्य 14,000 करोड़ रुपए है। एलआईसी की वर्तमान में बैंक में 10.82 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
हालांकि, आईडीबीआई बैंक ने शुक्रवार को शेयर बाजार को यह स्पष्टीकरण भी दिया है कि एलआईसी द्वारा आईडीबीआई बैंक में 13,000 करोड़ रुपए के पूंजीगत निवेश के बारे में उसके निदेशक मंडल में कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ है।
31 मार्च को समाप्त तिमाही में आईडीबीआई बैंक को 5,662.76 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। पिछले साल की समान तिमाही में भी बैंक को 3,199.77 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। तिमाही आधार पर बैंक का शुद्ध एनपीए 16.02 प्रतिशत से बढ़कर 16.69 प्रतिशत हो गया। वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में यह 13.21 प्रतिशत था। बैंक का सकल एनपीए वार्षिक आधार पर 44,752.59 करोड़ रुपए से बढ़कर 55,588.26 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।