नई दिल्ली। ईरान ने भारत को कच्चे तेल की नि:शुल्क ढुलाई बंद कर दी है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह जानकारी देते हुए कहा कि मेंगलुरु रिफाइनरी (एमआरपीएल) तथा एस्सार ऑयल जैसी रिफाइनरी कंपनियों को ढुलाई का प्रबंध खुद करने को कहा गया है। ईरान ने नवंबर, 2013 में भारतीय रिफाइनरी कंपनियों को कच्चे तेल की मुफ्त ढुलाई की पेशकश की थी, क्योंकि पश्चिमी प्रतिबंधों की वजह से उसका निर्यात प्रभावित हुआ था। प्रतिबंध के भय से शिपिंग लाइनों ने ईरानी कच्चे तेल के परिवहन से इनकार कर दिया था, ऐसे में ईरान ने आपूर्ति के लिए अपनी शिपिंग लाइन का इस्तेमाल किया और इसके लिए शुल्क नहीं लिया।
प्रधान ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा, अप्रैल, 2016 से नेशनल ईरानियन ऑयल कंपनी (एनआईओसी) ने आयातक कंपनियों एमआरपीएल तथा एस्सार ऑयल को सूचित किया है कि भविष्य की आपूर्ति फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) आधार पर की जाएगी और ढुलाई का प्रबंध खुद खरीदार को करना होगा।
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इससे पहले ईरान तेल बकाए का आधा हिस्सा रुपए में प्राप्त करने की तीन साल पुरानी प्रणाली समाप्त कर चुका है। ईरान पर अब पश्चिमी देशों का कोई प्रतिबंध नहीं है और उसी को देखते हुए वह यह कदम उठा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि इस्लामिक देश अब भारतीय रिफाइनरियों को बेचे जाने वाले तेल का भुगतान यूरो में करने पर जोर दे रहा है। साथ ही ईरान चाहता है कि एस्सार ऑयल तथा मेंगलुरु रिफाइनरी तथा पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमपीआरएल) जैसी रिफाइनरियां 6.5 अरब डॉलर का पिछला बकाया यूरो में भुगतान करें।
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