नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा ईरान से कारोबारी रिश्ते खत्म करने के दबाव के बावजूद भारत और ईरान के बीच नज़दीकियां तेजी से बढ़ रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल ईरान भारत को तेल निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। ईरान ने साउदी अरब को पीछे छोड़ कर यह दर्जा हासिल किया है। साउदी अरब पिछले 7 साल से भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश रहा है। आपको बता दें कि भारत सबसे ज्यादा तेल ईराक से आयात करता है।
विशेषज्ञों के अनुसार अमेरिका से खराब रिश्तों के चलते ईरान तेल निर्यात पर कई आकर्षक योजनाएं चला रहा है। ऐसे में भारतीय तेल कंपनियां उसका भरपूर फायदा उठाने में लगी हैं। लेकिन माना जा रहा है कि यह सिलसिला आगे चलने वाला नहीं है। क्योंकि अमेरिका ने ईरान पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। वहीं अमेरिका भारत पर भी ईरान से कारोबारी रिश्ते खत्म करने के लिए दबाव बना रहा है। अमेरिकी प्रतिबंध नवंबर से प्रभावी होने वाले हैं। ट्रंप प्रशासन ईरान से तेल आयात को जीरो पर लाने का दबाव बना रहा है।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारत के तेल आयात के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि 2018-19 की पहली तिमाही यानि कि अप्रैल-जून में भारत की सरकारी तेल कंपनियों को ईराक के बाद सबसे ज्यादा तेल ईरान से मिला है। इस साल पहली तिमाही अप्रैल-जून में इन तेल कंपनियों ने ईरान से 56. 70 लाख टन कच्चे तेल का आयात किया। यह मात्रा सऊदी अरब से अधिक रही।
तेल मामलों के जानकारों के अनुसार यदि अमेरिकी दबाव के आगे भारत ईरान से रिश्ते तोड़ता है तो उसके पास इराक, सऊदी अरब और कुवैत से इसकी भरपाई करने का विकल्प होगा। लेकिन ये देश भारत को वह ऑफर न दें जैसा कि ईरान की कंपनियां दे रही है। आपको बता दें कि 2010-11 में ईरान सऊदी के बाद भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक था, लेकिन बाद में यह मुल्क सातवीं पोजिशन पर पहुंच गया।