नई दिल्ली। सरकार ने शेयर बाजारों में सूचीबद्धता के लिए चार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) की पहचान की है। यह केंद्रीय बजट 2018-19 में की गयी घोषणा के अनुरूप है। सूत्रों ने कहा कि सूचीबद्धता के लिये दिशानिर्देश लगभग तैयार है। चार RRB आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने के योग्य हैं और इस साल ये निर्गम आ सकते हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल बजट भाषण में कहा था कि बाजार से पूंजी जुटाने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कर्ज बढ़ाने के इरादे से मजबूत ग्रामीण क्षेत्रीय बैंक का प्रस्ताव है।
RRB को बाजार से पूंजी जुटाने के लिए पात्र और सफल बनाने को लेकर कुछ कुछ सुधारों को क्रियान्वित किए गये हैं। इसमें कंपनी संचालन, प्रौद्योगिकी उन्नयन तथा क्षमता विनिर्माण शामिल हैं।
मार्च 2017 के लिये राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा जारी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के वित्तीय ब्योरे के अनुसार देश में 56 आरआरबी हैं। संयुक्त रूप से इनके बही खातों का आकार 4.7 लाख करोड़ रुपए है। इनमें से 50 लाभ में हैं।
आरआरबी की शाखाओं की संख्या 21,200 हैं। वित्त वर्ष 2016-17 में इनका लाभ 17 प्रतिशत बढ़कर 2,950 करोड़ रुपये रहा। इन बैंकों का गठन आरआरबी कानून , 1976 के तहत किया गया। इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों , कृषि श्रमिकों तथा दस्तकारों को कर्ज और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
कानून में 2015 में संशोधन किया गया। इसके तहत ऐसे बैंकों को केंद्र, राज्यों तथा प्रायोजक बैंकों से पूंजी जुटाने की अनुमति दी गयी। फिलहाल आरआरबी में केंद्र की 50 प्रतिशत जबकि संबंधित प्रायोजक बैंकों की 35 प्रतिशत तथा राज्य सरकारों की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी है।