मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने टी-20 क्रिकेट लीग आईपीएल से संबंधित फेमा मामले में अभिनेता शाहरुख खान, उनकी पत्नी गौरी खान और अभिनेत्री जूही चावला और अन्य लोगों को 73.6 करोड़ रुपए के विदेशी मुद्रा नुकसान के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एजेंसी ने सभी लोगों को नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया है।
एजेंसी ने नाइट राइडर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (केआरएसपीएल) को भी नोटिस भेजा है, जो इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) की मालिकाना कंपनी है। यह नोटिस केआरएसपीएल के कुछ शेयर मॉरीशस की एक कंपनी को वास्तविक कीमत से कम मूल्य पर बेचने की वजह से हुए 73.6 करोड़ रुपए के विदेशी मुद्रा नुकसान के संबंध में जारी किए गए हैं।
ईडी ने यह नोटिस विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत विदेशी मु्द्रा प्रबंधन (भारत के बाहर रहने वाले किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूतियों का स्थानांतरण या जारी करना) अधिनियम, 2000 के तहत जारी किया गया है। केआरएसपीएल में गौरी खान डायरेक्टर हैं, जबकि शाहरुख खान और जूही चावला केकेआर के मालिक हैं। ईडी ने 2008-09 में सबसे पहले आईपीएल फ्रेंचाइजी और इनके मालिकों के खिलाफ जांच शुरू की थी। इस मामलें में ईडी ने खान और अन्य से कई बार पूछताछ की है और फेमा प्रावधानों के तहत शाहरुख खान के बयान रिकॉर्ड भी किए गए हैं। फेमा कानून के तहत कारण बताओ नोटिस तब जारी किया जाता है, जब जांच पूरी हो चुकी होती है।
एजेंसी ने कहा है कि शाहरुख खान की कंपनी रेड चिलीज एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड (आरसीईपीएल) बरमूडा स्थित रेड चिलीज इंटरनेशनल लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी है और इसकी सह-मालकिन गौरी खान हैं। 2008 में रेड चिलीज एंटरप्राइजेज ने कोलकाता नाइट राइडर्स नामक क्रिकेट टीम के लिए आईपीएल फ्रेंचाइजी अधिकार खरीदने के लिए नाइट राइडर्स स्पोर्ट्स लिमिटेड नामक एक स्पेशल पर्पज व्हीकल की स्थापना की थी।
शुरुआत में कोलकाता नाइट राइडर्स प्राइवेट लिमिटेड की संपूर्ण शेयर होल्डिंग रेड चिलीज एंटरप्राइजेज और गौरी के पास ही थी। आईपीएल की सफलता के बाद केआरएसपीएल द्वारा दो करोड़ अतिरिक्त शेयर जारी किए गए, जिसमें से 50 लाख शेयर मॉरीशस की दि सी आइसलैंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (टीएसआईआईएल) और 40 लाख शेयर जूही चावला को दिए गए।
एजेंसी ने अपनी जांच में पाया है कि चावला और टीएसआईआईएल को यह शेयर 10 रुपए मूलय पर जारी किए गए, जबकि उस समय इन शेयरों का मूल्य 86 से 99 रुपए प्रति शेयर के बीच था। उसी समय चावला ने अपने 40 लाख शेयर 10 रुपए प्रति शेयर मूल्य पर मॉरीशस की कंपनी टीएसआईआईएल को बेच दिए। इसके परिणामस्वरूप 73.6 करोड़ रुपए विदेशी मुद्रा का नुकसान हुआ।