नई दिल्ली। इंडियन आयल कॉर्पोरेशन लि. (Indian Oil) ने आम जनता को सावधान करते हुए कहा कि तमिलनाडु में कई ईंधन आपूर्तिकर्ता बायो डीजल के नाम पर राज्य में नकली ईंधन बेचने का काम कर रहे है। इंडियन ऑयल ने इस ईंधन के बारे में लोगों को स्वास्थ्य और पर्यावरण पर इसके बुरे प्रभावों को लेकर आगाह किया है। इंडियन ऑयल ने गुरुवार को यहां एक बयान में कहा कि बायो-डीजल के नाम पर नकली ईंधन सीधे उपयोगकर्ताओं को बेचना एक 'अवैध' और 'दंडनीय' अपराध है।
तमिलनाडु और पुडुचेरी में तेल उद्योग के लिए राज्य स्तरीय समन्वयक की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हाल ही में देखा गया था कि संदिग्ध गुणवत्ता वाले वाहन ईंधन को कुछ आपूर्तिकर्ता बायो डीजल के नाम पर बेच रहे हैं। आईओसीएल ने कहा कि सेलम, नमक्कल, शंकरी, तूतीकोरिन, इरोड और कोयंबटूर के बाजारों में संदिग्ध नकली ईंधन की बिक्री पर्यावरण को ‘प्रदूषित’ और वाहनों को नुकसान पहुंचा रही है।
आईओसीएल ने कहा कि यह उत्पाद सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और इससे राजकोष को आय का भारी नुकसान होता है। इंडियन ऑयल ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने वर्तमान में संचालित तेल विपणन कंपनियों के अलावा किसी अन्य को बायो-डीजल के विपणन के लिए अनुमति या प्राधिकृत नहीं किया है।
बीआईएस 15607/2016 (बी-100) की गुणवत्ता के साथ आने वाला बायो-डीजल ही वास्तविक है और इसे राज्य सरकार की पूर्व अनुमति प्राप्त करने के बाद ही बेचा जा सकता है। आईओसी ने कहा कि बायो-डीजल की बिक्री करने वाले परिसर के पास वैधानिक लाइसेंस होना चाहिए और उसे पेट्रोलियम सुरक्षा मानकों का भी पालन सुनिश्चित करना होगा।
इंडियन ऑयल ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने वर्तमान में परिचालित तेल विपणन कंपनियों के अलावा अन्य किसी को भी बायो-डीजल बेचने की अनुमति नहीं दी है। आईओसी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि बायो-डीजल के नाम पर ग्राहकों जैसे रोड ट्रांसपोर्टर्स और अन्य इंडस्ट्रियल यूजर्स को प्रत्यक्ष रूप से नकली उत्पाद की बिक्री गैरकानूनी और दंडनीय है। कंपनी अधिकारियों के मुताबिक, वास्तविक बायो-डीजल को केवल हाई-स्पीड डीजल में मिलाने के उद्देश्य से बेचा जा सकता है। नेशनल बायोफ्यूल पॉलिसी 2018 के मुताबिक हाई-स्पीड डीजल के साथ 7 प्रतिशत तक बायो-डीजल मिश्रण की अनुमति है।