नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) तथा इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (आईएएल) मिलकर पश्चिमी तट पर देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी स्थापित करेंगी। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को ट्वीटर पर एक संदेश जारी कर बताया कि यह चारों कंपनियां मिलकर 1.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेंगी।
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उन्होंने अपने संदेश में लिखा है कि देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन महाराष्ट्र में छह करोड़ टन क्षमता की तेल रिफाइनरी लगाएगी। कंपनी यह रिफाइनरी भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) व इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (आईएल) के साथ मिलकर लगा रही है। उन्होंने बताया कि उक्त रिफाइनरी दो चरणों में बनेगी। पहले चरण में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया जाएगा, जो कि भारत में अपनी तरह का सबसे बड़ा निवेश है। आईओसी पश्चिम व दक्षिण भारत के ग्राहकों को ध्यान में रखते हुए पश्चिमी तट पर रिफाइनरी लगाने पर विचार कर रही है। एचपीसीएल व बीपीसीएल भी अपनी मुंबई इकाइयों में बाधाओं को देखते हुए बड़ी रिफाइनरी पर विचार कर रही है।
पारादीप रिफाइनरी से आईओसी का मुनाफा 20-30 फीसदी बढ़ेगा
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) की पारादीप रिफाइनरी से देश की इस सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी के मुनाफे में 20-30 फीसदी की वृद्धि होने का अनुमान है। यह कारखाना 14 साल की देरी के बाद स्थापित किया गया है और इसे सात फरवरी को देश को समर्पित किया जाएगा। कंपनी का कहना है कि परियोजना के पूरा होने में देरी से परियोजना की लागत 3500 करोड़ रुपए से बढ़कर 34,555 करोड़ रुपए हो गई, जबकि ब्याज भुगतान 7500 करोड़ रुपए रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात फरवरी को इस रिफाइनरी का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। इससे आईओसी की रिफाइनरियों की कुल संख्या बढ़कर 11 हो जाएगी। कंपनी की आखिरी रिफाइनरी 1998 में पानीपत में शुरू हुई थी।