नई दिल्ली। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने अपनी देशभर में फैले विशाल पाइपलाइन नेटवर्क से ईंधन की चोरी को रोकने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाने का फैसला किया है। आईओसीएल देशभर में अपने पाइपलाइन नेटवर्क की निगरानी के लिए अब ड्रोन की तैनाती कर रही है। कंपनी ने कहा कि इससे न केवल चोरी रोकने में मदद मिलेगी, बल्कि दुर्घटनाओं की संभावना को भी कम किया जा सकेगा।
देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी पहले ही प्रौद्योगिकी और गश्त के जरिये अपने 15,000 किलोमीटर लंबे पाइपलाइन नेटवर्क में किसी तरह के रिसाव की निगरानी का काम कर रही है। अब कंपनी अपने नेटवर्क की निगरानी के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है। अधिकारियों ने कहा कि प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से 2020-21 में ईंधन चोरी के 34 मामलों को विफल किया गया और 53 लोगों को गिरफ्तार किया गया। सबसे ताजा घटना 17 अगस्त को सोनीपत, हरियाणा में हुई।
अधिकारी ने बताया कि पेट्रोलियम एवं खनिज पाइपलाइन (मार्ग का अधिग्रहण) अधिनयिम, 1961 के तहत पाइपलाइन से किसी तरह की चोरी का प्रयास गंभीर अपराध है। यह गैरजमानती अपराध है। इसमें दोषी को 10 साल या अधिक की सजा हो सकती है। आईओसी ने हाल में मथुरा-जालंधर पाइपलाइन के 120 किलोमीटर के दिल्ली-पानीपत खंड की ड्रोन के जरिये निगरानी शुरू की है। एक अधिकारी ने कहा कि इन पाइपलाइनों से काफी ज्वलनशील पेट्रोलियम उत्पादों जैसे पेट्रोल और डीजल का उच्च दबाव पर प्रवाह होता है। इनमें किसी तरह की चोरी के प्रयास से गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं और जानमाल का नुकसान हो सकता है।
अधिकारी ने कहा कि आईओसी ने पाइपलाइन नेटवर्क के प्रवाह की नजदीकी से निगरानी के लिए एससीएडीए-आधारित प्रणाली लगाई है। इसके अलावा कंपनी लीकेज को पकड़ने वाली प्रणाली (एलडीएस) का भी इस्तेमाल कर रही है। इसके अलावा पूरे नेटवर्क पर भौतिक निगरानी के लिए लाइन पेट्रोलमैन और डीजीआर गार्ड की भी तैनाती की गई है। इसे और प्रभावी बनाने के लिए लाइन पेट्रोलमैन और डीजीआर गार्ड की मूवमेंट की निगरानी के लिए ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम सक्षम उपकरणों की मदद ली जा रही है।
पाइपलाइन के रास्ते में पड़ने वाली आबादी बहुत ही संवेदनशील है। अधिकारी ने कहा कि स्थानीय निगरानी को प्रोत्साहित करने के लिए सूचना देने वालों के लिए एक पुरस्कार योजना को भी चलाया जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि आपराधिक घटना की जानकारी देने वाले नागरिक की जानकारी को पूरी तरह से गोपनीय रखा जाता है।
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