नई दिल्ली। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) वित्त वर्ष 2015-16 में 10,399 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज कर सार्वजनिक क्षेत्र में देश की दूसरी सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी बन गई है। हालांकि, मार्च तिमाही में भंडार में पड़े माल पर नुकसान के चलते कंपनी का शुद्ध लाभ 80 फीसदी घटा है। पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री और रिफाइनरी चलाने वाली इंडियन ऑयल ने पूरे 2015-16 वित्त वर्ष में 10,399.03 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हासिल किया है। सार्वजनिक क्षेत्र में इससे अधिक मुनाफा ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने 16,004 करोड़ रुपए का अर्जित किया है।
कंपनी के चेयरमैन बी. अशोक ने कहा कि कंपनी का शुद्ध मुनाफा उसके पिछले वित्त वर्ष 2014-15 के शुद्ध मुनाफे 5,273.03 करोड़ से लगभग दोगुना है। उन्होंने कहा, इस साल हमने लाभ और परिचालन दोनों में बेहतर प्रदर्शन किया है। यह कंपनी द्वारा अब तक का सबसे ज्यादा मुनाफा है और 2009-10 के 10,200 करोड़ के मुनाफे से भी बेहतर है। हालांकि, मार्च में समाप्त चौथी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ इससे पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 80 फीसदी घटकर 1,235.64 करोड़ रुपए रहा, जबकि जनवरी-मार्च 2015 की तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 6,285.35 करोड़ रुपए रहा था। कंपनी ने कहा कि तेल की कीमतें कम रहने से वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही में कंपनी का कारोबार घटकर 80,449.57 करोड़ रुपए रह गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 93,830.13 करोड़ रुपए रहा था।
वर्ष के दौरान कंपनी की रिफाइनरियों ने रिकॉर्ड 5.62 करोड़ टन कच्चे तेल का शोधन किया। इससे पिछले साल कंपनी की देशभर में फैली रिफाइनरियों ने 5.36 करोड़ टन कच्चा तेल शोधित किया था। वर्ष के दौरान पेट्रोल, डीजल, सहित विभिन्न ईंधनों की बिक्री 6 फीसदी बढ़कर 7.27 करोड टन रही। इंडियन ऑयल ने 45.5 फीसदी बाजार हिस्से के साथ अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखी। पेट्रोकेमिकल की बिक्री दो फीसदी बढ़कर 25.38 लाख टन रही।