नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) को उसकी गुजरात रिफाइनरी के विस्तार के लिए निदेशक मंडल की मंजूरी मिल गई है। निदेशक मंडल ने कंपनी की गुजरात रिफाइनरी की क्षमता को मौजूदा 1.37 करोड़ टन से बढ़ाकर 1.80 करोड़ टन करने के लिए 15,034 करोड़ रुपए की विस्तार योजना के पहले चरण को मंजूरी दे दी है।
कंपनी का कहना है कि गुजरात रिफाइनरी की शोधन क्षमता में 43 लाख टन सालाना का विस्तार होने से क्षेत्र में पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। आईओसीएल की विज्ञप्ति के अनुसार गुजरात रिफाइनरी उसकी काफी पुरानी रिफाइनरी है, जिसे 1965 में स्थापित किया गया था। तब से उसमें कई चरणों में बदलाव हुए हैं।
बहरहाल कई साल तक सेवा में रहने के बाद उसका डिजाइन भी पुराना पड़ गया है और क्षमता भी कम है। उसकी विभिन्न इकाईयां ऊर्जा के लिहाज से सक्षम नहीं रह गईं हैं, इसलिए उसमें एटमोफेरिक वेक्यूम यूनिट (एवीयू) के नए प्रस्तावित डेढ करोड़ टन सालाना क्षमता को स्थापित करने के काम की शुरुआत की जाएगी।
कंपनी के निदेशक मंडल ने जीएसपीएल एलएनजी लिमिटेड में भी 50 प्रतिशत तक इक्विटी हिस्सेदारी खरीदने को मंजूरी दे दी। यह कंपनी गुजरात में मुंद्रा बंदरगाह में 50 लाख टन सालाना क्षमता का एलएनजी टर्मिनल लगा रही है। जीएसपीएल एलएनजी लिमिटेड गुजरात सरकार के उपक्रम जीएसपीसी और अडानी एंटरप्राइजिज लिमिटेड की संयुक्त उद्यम कंपनी है। एलएनजी टर्मिनल के चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में तैयार हो जाने का अनुमान है।