नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) और बैंक आफ महाराष्ट्र (बीओएम) ने बुधवार को अपने कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (Marginal Cost of Funds based Lending Rate) में कटौती की घोषणा की। आईओबी ने शेयर बाजार को भेजी सूचना में कहा कि बैंक ने 10 मई 2020 से एमसीएलआर को अगली समीक्षा होने तक संशोधित किया है। चेन्नई मुख्यालय वाले इस बैंक ने कहा है कि एक साल की अवधि के कोष की सीमांत लागत आधारित कर्ज की ब्याज दर को 0.10 प्रतिशत घटाकर 8.15 प्रतिशत कर दिया गया है। घटी दर 10 मई से लागू होगी। एक साल की अवधि की एमसीएलआर दर ही व्यक्तिगत, कार और आवास जैसे कर्ज के लिये प्रमुख आधार दर होती है।
वहीं पुणे स्थित बैंक आफ महाराष्ट्र ने एक साल की अवधि की एमसीएलआर आधारित व्याज दर को 0.10 प्रतिशत घटकर 7.90 प्रतिशत कर दिया। बैंक ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा है कि रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के तहत बैंक ने अपनी ब्याज दरों की समीक्षा की है जिसके बाद बैंक ने सात मई से अपनी एमसीएलआर दर को कम करने का फैसला किया है। बैंक आफ महाराष्ट्र ने कहा है कि एक दिन से लेकर छह माह की अवधि के कर्ज पर एमसीएलआर दर 7.40 से लेकर 7.70 प्रतिशत तक होगी। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के एक अन्य बैंक केनरा बैंक ने अपनी एमसीएलआर दर को अपरिवर्तित रखा है। बैंक की एक साल की एमसीएलआर दर 7.85 प्रतिशत पर यथावत रखी गई है।