Saturday, September 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. पैसे कमाने वालों को चुकाना चाहिए टैक्स, मारीशस संधि में संशोधन से एफडीआई घटने की आशंका नहीं: जेटली

पैसे कमाने वालों को चुकाना चाहिए टैक्स, मारीशस संधि में संशोधन से एफडीआई घटने की आशंका नहीं: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि निवेशकों को भारत में अपनी कमाई पर टैक्स कर अवश्य चुकाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब घरेलू अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत हो चुकी है

Dharmender Chaudhary
Published on: May 15, 2016 15:33 IST
पैसे कमाने वालों को चुकाना चाहिए टैक्स, मारीशस संधि में संशोधन से एफडीआई घटने की आशंका नहीं: जेटली- India TV Paisa
पैसे कमाने वालों को चुकाना चाहिए टैक्स, मारीशस संधि में संशोधन से एफडीआई घटने की आशंका नहीं: जेटली

नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि निवेशकों को भारत में अपनी कमाई पर टैक्स कर अवश्य चुकाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब घरेलू अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत हो चुकी है कि उसे विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए किसी टैक्स प्रोत्साहन वाले मार्ग पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। वित्त मंत्री का मानना है कि मारीशस के साथ दोहरे काराधान से बचाव की दशकों पुरानी संधि में संशोधन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रवाह में कमी नहीं आएगी, न ही ऐसी कोई गंभीर आशंका है कि इसकी वजह से निवेशक अन्य कर पनागाहों की ओर स्थानांतरित होंगे।

जेटली ने कहा कि इससे देश के ही धन को घुमाफिरा कर देश में लाने यानी राउंड ट्रिपिंग पर भी लगाम लगाने में मदद मिलेगी और साथ ही घरेलू खपत को प्रोत्साहन मिलेगा। मारीशस के साथ कर संधि के लिए करीब एक दशक से प्रयास कर रहे भारत को अब अगले साल अप्रैल से मारीशस के शेयरों में निवेश पर पूंजीगत लाभ कर लगाने का अधिकार मिलेगा। यह दोनों देशों के बीच करीब 34 साल पुरानी कर संधि में संशोधन की वजह से संभव हो पाया है। भारत द्वारा कर संधियों को लेकर सख्त रुख अपनाने से निवेशकों के लिए अब कर पनाहगाहों का इस्तेमाल कठिन होगा। इस पर बाजार ने सतर्क प्रतिक्रिया दी है। जेटली ने कहा, अंतत: बाजारों को भारतीय अर्थव्यवस्था की अंतर्निहित शक्ति के आधार पर परिचालन करना होगा।

वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि मारीशस के साथ पूरानी संधि से उस समय कर प्रोत्साहन वाला एक रास्ता बन गया था जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था को देने के लिए विदेशी निवेश आकर्षित करने की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि अब अर्थव्यवस्था काफी मजबूत बन चुकी है और जो यहां कमा रहे हैं उन्हें कर अदा करना चाहिए। मूल संधि पर भारत द्वारा 1991 में अपनी अर्थव्यवस्था में उदारी करण शुरू होने के एक दशक पहले हस्ताक्षर हुए थे। पिछले 15 साल में देश में 278 अरब डालर या 19 लाख करोड़ रुपए का विदेशी निवेश आया है उसमें से एक – तिहाई से अधिक निवेश मारीशस के रास्ते आया है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement