नई दिल्ली। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म यूबीएस का कहना है कि वैश्विक निवेशक पहले ही 2019 में मोदी की जीत पर दांव लगा चुके हैं और सरकार अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल देने के लिए विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहनों पर विचार कर सकती है।
यूबीएस सिक्योरिटीज के लिए यह रिपोर्ट अनुसंधान प्रमुख गौतम छायोछारिया व विश्लेषक संजना दादावाला ने लिखी है। इस रिपोर्ट के अनुसार निवेशकों व बाजार भागीदारों के साथ हमारी चर्चा से यही संकेत मिलता है कि 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत पर पहले ही दांव लगा लिया गया है।
इसमें आगे कहा गया है कि अगले साल आम चुनावों से पहले सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मदद के लिए विभिन्न प्रोत्साहन विकल्पों पर विचार कर सकती है। यह रिपोर्ट (नोट) पिछले सप्ताह कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मतदान से पहले आई थी।
इसमें कहा गया है कि सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि, किसानों को कीमत में कमी का भुगतान (मध्यप्रदेश), किसानों को आय समर्थन (तेलंगाना) जैसे कदमों पर विचार किया जा सकता है। इसके अनुसार अन्य संभावित तरीके ब्याज दर सब्सिडी के रूप में भी हो सकते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार के पहले तीन-साढे़ तीन साल में अनेक सुधार तथा राजनीतिक रूप से कठिन फैसले किए गए जिनमें नोटबंदी, जीएसटी कार्यान्वयन, दिवाला संहिता शामिल है। हालांकि अब चुनावों से पहले किसी बड़े कदम की उम्मीद नहीं है।