नई दिल्ली। इंफोसिस के संस्थागत निवेशकों का प्रतिनिधत्व करने वाले करीब 12 फंड मैनेजरों प्रबंधकों ने कंपनी के सह संस्थापक एवं पूर्व मुख्य कार्यकारी नंदन नीलेकणि को इंफोसिस के निदेशक मंडल में वापस लाने का सुझााव दिया है। इन फंड मैनेजरों में ICICI और HDFC भी शामिल हैं। कोष प्रबंधकों का कहना है कि इससे अंशधारकों का भरोसा फिर कायम किया जा सकेगा और कंपनी के संकट को हल किया जा सकेगा। यह नीलेकणि को वापसी की वकालत करने का दूसरा मौका है।
इससे पहले निवेश सलाहकार कंपनी आईआईएएस ने कहा था कि नीलेकणि को कंपनी के गैर कार्यकारी चेयरमैन के रूप में वापस लाया जाना चाहिए। नीलेकणि मार्च, 2002 से अप्रैल, 2007 तक केंपनी के सीईओ रहे थे। इसके बाद वह भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यूआईडीएआई प्रमुख के पद पर रहे।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह इंफोसिस के पहले गैर-संस्थापक सीईओ बने विशाल सिक्का ने अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद लगातार दो सत्रों में कंपनी का शेयर 15 प्रतिशत टूट गया था और उसके बाजार पूंजीकरण में 34,000 करोड़ रुपये की कमी आई थी। कंपनी के 12 कोष प्रबंधकों ने एक संयुक्त पत्र में कहा है कि हालिया घटनाक्रम काफी चिंता का विषय है।
सूत्रों ने बताया कि यह पत्र अन्य लोगों के अलावा इंफोसिस के चेयरमैन को भी लिखा गया है। कोष प्रबंधकों ने कहा कि वे देश के प्रमुख संस्थागत निवेशकों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें से प्रत्येक इंफोसिस में शेयरधारक है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अंशधारक चाहे वह ग्राहक हो, शेयर धारक या कर्मचारी हो, उसका नीलेकणि में विश्वास है।