नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर निवेशकों की धारणा में सुधार आ रहा है, लेकिन बाजारों को अभी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे महत्वपूर्ण सुधार विधेयकों के पारित होने का इंतजार है, जो नए उत्प्रेरक के रूप में काम करेंगे।
सिटीग्रुप की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बुनियादी सुधारों को लेकर उम्मीदें निचले स्तर पर हैं, लेकिन यदि जीएसटी पारित हो जाता है तो यह एक सकारात्मक उत्प्रेरक साबित हो सकता है। वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ने कहा है कि इक्विटी और निश्चित आय के निवेशक भारत को लेकर रचनात्मक रुख अपनाए हुए हैं, लेकिन ताजा प्रवाह के लिए उन्हें अगले उत्प्रेरक का इंतजार है।
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भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने 26 मई, 2014 को कार्यभार संभाला था। लोकसभा में सरकार के पास पूर्ण बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है। इसी वजह से जीएसटी जैसा महत्वपूर्ण विधेयक मुख्य रूप से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के विरोध में पारित नहीं हो पाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इक्विटी और निश्चित आय के निवेशकों का मानना है कि अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक आकर्षक है क्योंकि यह बेहतर वृहद स्थिरता प्रदान करती है।