नयी दिल्ली। भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिए निवेश नवंबर अंत तक गिरकर 69,670 करोड़ रुपए पर आ गया। पी-नोट्स भारतीय पूंजी बाजार में निवेश करने का एक वित्तीय साधन है। पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) इसे उन विदेशी निवेशकों के लिये जारी करते हैं, जो बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास पंजीयन कराए बिना घरेलू पूंजी बाजार में निवेश करना चाहते हैं।
सेबी के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर माह के अंत तक शेयरों, बांडों तथा जिंसों में पी-नोट्स के जरिए किया गया कुल निवेश 7,103 करोड़ रुपए कम होकर 69,670 करोड़ रुपए पर आ गया। अक्टूबर माह के अंत में यह 76,773 करोड़ रुपए था। आंकड़ों के अनुसार, कुल निवेश में शेयरों में 52,749 करोड़ रुपए, बांडों में 16,238 करोड़ रुपए और जिंसों में 683 करोड़ रुपए का निवेश रहा।
पी-नोट्स के जरिए निवेश में जून के बाद लगभग हर महीने गिरावट आयी है। जून 2019 के अंत में इस तरह का निवेश एक माह पहले के 82,619 करोड़ रुपए से गिरकर 81,913 करोड़ रुपए पर आ गया था। इसके बाद यह गिरकर जुलाई में 81,082 करोड़ रुपए, अगस्त में 79,088 करोड़ रुपए और सितंबर में 76,611 करोड़ रुपए पर आ गया था। हालांकि अक्टूबर में यह मामूली बढ़कर 76,773 करोड़ रुपए पर पहुंच गया था।