नई दिल्ली। पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के माध्यम से भारतीय पूंजी बाजार में निवेश नवंबर में बढ़कर 79,247 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इससे पहले अक्टूबर में यह निवेश गिरकर साढ़े नौ साल के सबसे निचले स्तर पर आ गया था।
उल्लेखनीय है कि पी-नोट्स, पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा ऐसे निवेशकों को जारी किया जाता है जो सीधे तौर पर भारतीय शेयर बाजारों में पंजीकृत हुए बिना निवेश करना चाहते हैं।
बाजार नियामक सेबी के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय बाजारों-शेयर, ऋण और डेरिवेटिव्स- में पी-नोट्स निवेश नवंबर अंत में बढ़़कर 79,247 करोड़ रुपए हो गया। अक्टूबर अंत में यह आंकड़ा 66,587 करोड़ रुपए था। सितंबर में पी-नोट्स के जरिये निवेश 79,548 करोड़ रुपए पर था।
आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में पी-नोट्स के जरिये निवेश मार्च 2009 के बाद सबसे कम रहा। मार्च 2009 में यह आंकड़ा 69,445 करोड़ रुपए था। पिछले महीने पी-नोट्स के जरिये किए गए कुल निवेश में 62,971 करोड़ रुपए का निवेश शेयर बाजार में और बाकी निवेश ऋण और डेरिवेटिव्स बाजार में किया गया।
पी-नोट्स के जरिये एफीआई निवेश भी मासिक आधार पर नवंबर में बढ़कर 2.5 प्रतिशत रहा, जो अक्टूबर में 2.2 प्रतिशत था। पी-नोट निवेश पिछले साल जून से लगातार घट रहा था और सितंबर 2017 में यह आठ साल के निचले स्तर पर पहुंच गया था। निवेश में गिरावट का यह रुख 2018 तक बना रहा, हालांकि अगस्त में इसमें थोड़ी वृद्धि हुई लेकिन सितंबर और अक्टूबर में इसमें दोबारा कमी आई।