नई दिल्ली। शेयर बाजार में पिछले दिनों आई गिरावट के बीच पी-नोट के जरिए होने वाले निवेश में भारी कमी आई है। पी-नोट का निवेश फरवरी के अंत तक 2,17,740 करोड़ रुपए रह गया जो पिछले महीने 2,31,317 करोड़ रुपए था। भारतीय बाजारों में पी. नोट्स के जरिये निवेश अक्तूबर में 2.58 लाख करोड़, नवंबर में 2.54 लाख करोड़ रुपए, दिसंबर में 2.35 लाख करोड़ रुपए और जनवरी में 2.31 लाख करोड़ रुपए रहा। सितंबर में यह 2.54 लाख करोड़ रुपए रहा था। कुल मिलाकर शेयरों में पी-नोट होल्डिंग फरवरी में घटकर 1.32 लाख करोड़ रुपए रह गई जबकि शेष रिण एवं दूसरे डेरिवेटिव बाजारों में रही।
पी-नोट का उपयोग आम तौर पर विदेशी उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्ति (HNI) करते हैं। इसके जरिये विदेश में रहने वाले धनी व्यक्ति, हेज फंड और अन्य विदेशी संस्थानों को पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के जरिए निवेश की अनुमति होती है। इससे उनके समय और लागत की बचत होती है लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि इस मार्ग का उपयोग काले धन की राउंड-ट्रिपिंग के लिए भी होने की शिकायत मिलती है। सेबी आंकडे के मुताबिक भारतीय बाजार में इक्विटी, डेट और डेरिवेटिव में पी-नोट्स के निवेश का कुल मूल्य अक्तूबर से घट रहा है।
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