अहमदाबाद। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने बृहस्पतिवार को कहा कि सामाजिक क्षेत्रों जैसे कि स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश सतत आर्थिक विस्तार के लिए अहम है। कांत ने बच्चों में पोषण के स्तर को लेकर भी चिंता जतायी। उन्होंने कहा, ‘‘स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और कौशल विकास में निवेश आर्थिक सुधारों जितना ही जरूरी है। भौतिक और डिजीटल बुनियादी ढांचे में निवेश के साथ ही इन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना दीर्घकाल तक सतत आर्थिक वृद्धि के लिए आवश्यक है।’’
वह ‘‘भारत 2031 : बदलाव के दशक’’ विषय पर यहां भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (आईआईएमए) में बोल रहे थे। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को ‘‘वृद्धि के उभरते क्षेत्रों’’ जैसे कि इलेक्ट्रिक गतिशीलता, बैटरी स्टोरेज, कृत्रिम बुद्धिमता और डेटा का इस्तेमाल करते हुए मशीन लर्निंग में आगे बढ़ना चाहिए।
भारत कई देशों के स्टार्टअप इकोसिस्टम को बौना बना देगा
पेटीएम के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी विजय शेखर शर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि कई लोग भारत के अवसर को कम आंक सकते हैं लेकिन यह देश एक ऐसा मौका दे रहा है जो कई दूसरे देशों के स्टार्टअप परिदृश्य को बौना साबित कर देगा। शर्मा ने 'ब्लूमबर्ग इंडिया इकोनॉमिक फोरम' में कहा कि भारत वृद्धि के लिहाज से एक बड़ा अवसर पेश कर रहा है और भारतीय टेक स्टार्टअप कंपनियों के मूल्यांकन में वृद्धि जारी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम अमेरिका, चीन या इंडोनेशिया सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में हुई किसी भी परिघटना पर ध्यान दें, तो भारत एक ऐसा अवसर है जो कई दूसरे देशों के प्रौद्योगिकी या स्टार्टअप इकोसिस्टम को बौना बना देगा। भारतीय कंपनियां देश के महत्वपूर्ण बाजारों पर कब्जा करने के लिए सक्षम होने के बाद निश्चित रूप से इस देश से आगे बढ़ जाएंगी।’’