इसके अलावा कर विभाग ने केयर्न एनर्जी के केयर्न इंडिया में शेष 9.8 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री पर भी रोक लगा दी। ब्रिटिश कंपनी ने 2011 में इसे वेदांता समूह को बेचा था। अप्रैल, 2014 में कर विभाग ने केयर्न इंडिया को 20,495 करोड़ रुपए का कर नोटिस दिया था। ब्रिटेन की पूर्ववर्ती अनुषंगी को पूंजीगत लाभ पर कटौती में विफल रहने के लिए यह नोटिस दिया गया था।