नई दिल्ली। छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज में एक बार फिर कटौती हो सकती है। सरकार ने 16 फरवरी को सबसे पहले छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज को बाजार अनुरूप बनाने के लिए कटौती करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही सरकार ने इन योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज की समीक्षा वार्षिक के बजाये तिमाही आधार पर करने का भी ऐलान किया था। पहली समीक्षा बैठक 15 मार्च को होनी है।
फरवरी में सरकार ने एक से तीन साल की परिपक्वता अवधि वाले किसान विकास पत्र और पोस्ट ऑफिस रिक्रूरिंग डिपॉजिट पर ब्याज दर 25 आधार अंक घटाकर 8.15 फीसदी सालाना करने की घोषणा की थी। ये नई दरें एक अप्रैल 2016 से लागू होंगी। वित्त मंत्रालय ने 16 फरवरी को कहा था कि एक साल, दो साल और तीन साल सावधि जमा, किसान विकास पत्र तथा पांच की रिक्रूरिंग डिपॉजिट पर ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती होगी और इन्हें बैंकिंग सेक्टर में अन्य उपकरणों के समान बनाया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को कम बयाज दरों की ओर ले जाना है।
लंबी अविध की बचत योजनाओं जैसे पब्लिक प्रोवीडेंट फंड (पीपीएफ), राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, मासिक आय योजना और सुकन्या समृद्धि योजना पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं किया गया है।सरकार ने एक साल में ब्याज दरों की तिमाही समीक्षा करने की भी योजना का ऐलान किया है। इस योजना के तहत पहली समीक्षा बैठक 15 मार्च 2016 को होनी है। डीबीएस बैंक के अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि लघु बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज में और कटौती की जा सकती है।
डीबीएस बैंक की अर्थशास्त्री राधिका राव ने पिछले महीने कहा था लघु बचत योजनाओं पर जमा दर (8.4 फीसदी से 9.3 फीसदी) और समान अवधि की बांड पर मिलने वाले ब्याज दर में अभी भी अंतर है और आगे आने वाली तिमाही में लघु बचत योजनाओं की ब्याज दर में 50 से 80 आधार अंकों की और कटौती संभव है।