नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को यह स्पष्ट किया है कि कृषि और उससे संबंधित गतिविधियों से जुड़े ऋण पिछले हफ्ते सरकार द्वारा घोषित ब्याज पर ब्याज से छूट योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। साधारण ब्याज और संचयी ब्याज के बीच अंतर राशि का भुगतान योजना पर अतिरिक्त सवालों के उत्तर देते हुए मंत्रालय ने यह स्पष्टीकरण दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि 29 फरवरी तक क्रेडिट कार्ड के बकाये को राहत की श्रेणी में शामिल किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि राहत के लिए बेंचमार्क दर को लागू किया जाएगा। फसल और ट्रैक्टर ऋण कृषि और संबंधित गतिविधियों की श्रेणी में आते हैं और इन्हें इस राहत योजना में शामिल नहीं किया गया है।
मोराटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज से छूट योजना में एमएसएमई ऋण, शिक्षा ऋण, गृह ऋण, उपभोक्ता सामान ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटोमोबाइल ऋण, प्रोफेशनल्स के लिए पर्सनल लोन और उपभोग ऋण के तहत 2 करोड़ रुपए तक के ऋण को शामिल किया गया है।
रिजर्व बैंक ने मंगलवार को सभी वित्तीय संस्थाओं को निर्देश देते हुए कहा था कि छह माह की मोराटोरियम अवधि के लिए 2 करोड़ रुपए तक के ऋण पर ब्याज पर ब्याज से छूट योजना के तहत दी जाने वाली राशि को उपभोक्ता के बैंक खाते में 5 नवंबर तक जमा कराना सुनिश्चित किया जाए।
पिछले शुक्रवार को सरकार ने विशिष्ट लोन एकाउंट्स में 6 माह के लिए संचयी ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर राशि को लौटाने का फैसला किया था। ऋण लेने वाले ग्राहकों को 1 मार्च से 31 अगस्त, 2020 के दौरान छह माह की अवधि या 184 दिन का पैसा लौटाया जाएगा। मंत्रालय ने कहा है कि बिना किसी आवेदन के सभी पात्र ऋणियों के खाते में यह राशि जमा की जाएगी।
योजना के मुताबिक, वित्तीय संस्थान संचयी ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर राशि को मोराटोरियम अवधि का पूर्ण या आंशिक लाभ उठाने वाले पात्र ऋणियों के संबंधित बैंक खाते में जमा कराएंगे। यह स्कीम उन लोगों के लिए भी जिन्होंने मोराटोरियम योजना का लाभ नहीं उठाया और लगातार ऋण का पुर्नभुगतान करते रहे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार द्वारा घोषित इस योजना से सरकारी खजाने पर 6500 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।