नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ईईएसएल के थोक में खरीदे गए स्मार्ट मीटर को लगाने का काम उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों से शुरू कर हो चुका है और हरियाणा में भी जल्द ही यह काम शुरू किया जाएगा। उम्मीद है कि इससे बिजली चोरी रुकेगी, वितरण कंपनियों की कार्यकुशलता बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को वास्तविक समय पर बिजली खपत की जानकारी मिलेगी।
ईईएसएल के अधिकारियों के अनुसार कंपनी ने पछले साल सार्वजनिक निविदा के जरिये ऐसे 50 लाख स्मार्ट मीटर खरीदे थे। इनमें से 40 लाख उत्तर प्रदेश और 10 लाख हरियाणा में लगाए जाने हैं। कंपनी की इस वर्ष जून तक ऐसे 50 लाख और मीटर खरीदने की योजना है। बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाली एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) के प्रबंध निदेशक सौरभ कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर, इलाहबाद, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा जैसे शहरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो गया है। हरियाणा में अगले 8-10 दिनों में यह शुरू हो जाएगा।
इससे होने वाले लाभ के बारे में उन्होंने बताया कि ईईएसएल बिजली वितरण कंपनियों से प्रति मीटर प्रति महीने 70 रुपए लेगी। वहीं वितरण कंपनियों को औसतन प्रति मीटर 200 रुपए का लाभ होने का अनुमान है। इस बारे में विस्तार से बताते हुए कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में बिजली ‘रीडिंग’ पर 40 रुपए प्रति मीटर का खर्च आता है। वहीं बिल की कुशलता 75 से 80 प्रतिशत है। विश्लेषण से पता चलता है कि 30 प्रतिशत बिल गलत होते हैं। इससे उपभोक्ता और वितरण कंपनियों में विवाद होता है। पुन: दो-दो महीनों में बिल आते हैं। एक अनुमान के अनुसार इसके कारण वितरण कंपनियों को प्रति मीटर 200 रुपए की लागत आती है। है। स्मार्ट मीटर लगने से बिजली वितरण कंपनियों को यह बचत होगी।
दूसरी तरफ उपभोक्ताओं को वास्तविक समय पर पता चलेगा कि वे कितनी बिजली की खपत कर रहे हैं। इसके अनुसार वे बिजली खपत को नियंत्रित कर सकते हैं। इससे कम बिजली खपत करने वाले उत्पादों की मांग बढ़ेगी और एक बहुत बड़ा बदलाव आएगा।
यह पूछे जाने पर कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बाद किन राज्यों में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए कदम उठाए जाएंगे, ईईएसएल के प्रबंध निदेशक ने कहा कि बिहार, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु समेत कई राज्य तैयार हैं। वास्तव में क्षेत्र में सुधार के लिए सभी राज्यों को यह करना है। लेकिन इसमें थोड़ा समय लगेगा। ईईएसएल के स्मार्ट मीटर राष्ट्रीय कार्यक्रम (एसएमएनपी) के तहत देश में 25 करोड़ परंपरागत मीटरों को स्मार्ट मीटर से बदला जाना है।