नई दिल्ली। वित्त सचिव हसमुख अधिया ने सोमवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू करते हुए केंद्र सरकार ने राजस्व का नुकसान इस विश्वास के साथ उठाया है कि भविष्य में इसका अनुपालन बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में संगठित क्षेत्र को लाभ हुआ है और इसका सबूत कंपनियों के बही-खाते हैं। अधिया ने बजट के बाद सीआईआई के एक कार्यक्रम में जीएसटी पर अमल आगे और अच्छा होने का विश्वास जताते हुए कहा कि हमें पता है कि जीएसटी के कारण हमें कितना राजस्व का नुकसान होगा तथा यह निश्चित रूप से किसी के बही-खाते में गया होगा। सरकार की शुरुआती राजस्व हानि के बाद भी निश्चित रूप से संगठित क्षेत्र उद्योग को जीएसटी क्रियान्वयन की प्रक्रिया से लाभ हुआ।
वस्तु एवं सेवा कर 1 जुलाई 2017 से लागू हुआ। इसने उत्पाद शुल्क एवं सेवा कर समेत कई स्थानीय करों का स्थान लिया। जीएसटी संग्रह दिसंबर में 86,703 रुपए रहा जो नवंबर में 80,808 करोड़ रुपए था। अधिया ने कहा कि उद्योगों ने जीएसटी का स्वागत किया क्योंकि इससे विनिर्माण गतिविधियां दुरूस्त हुई तथा लाजिस्टिक लागत नीचे आयी है। साथ ही कंपनियों के बही-खातों को लाभ हुआ।
उन्होंने कहा कि जब मैंने अग्रिम कंपनी कर की तीसरी किस्त को देखा, मैंने कंपनियों के बही-खातों में काफी सुधार देखा। और मुझे भरोसा है कि इसका कारण जीएसटी है। अधिया ने कहा कि जीएसटी क्रियान्वयन तथा नोटबंदी से करदाताओं की संख्या बढ़ी है और देश को कर अनुपालन वाला समाज बनाने की दिशा में समन्वित प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में ई-वे बिल तथा इनवॉयस के मिलान से कर चोरी रोकने में मदद मिलेगी।