नई दिल्ली। संस्थापकों और निदेशक मंडल के पूर्व सदस्यों के बीच महीनों चले विवाद के कारण सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इंफोसिस (Infosys) का जुलाई-सितंबर तिमाही का परिणाम देरी से घोषित हो सकता है। कंपनी अपने दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित कर सकती है।
आमतौर पर इंफोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसी बड़ी कंपनियां किसी भी तिमाही का परिणाम समाप्ति के पहले पखवाड़े में ही घोषित कर देती हैं। इंफोसिस ने शेयर बाजारों को कल सूचित किया कि उसके निदेशक मंडल की 23 और 24 अक्टूबर को बैठक होगी जिसमें जुलाई-सितंबर तिमाही परिणाम और समीक्षावधि के लिए अंतरिम लाभांश देने पर निर्णय लिया जा सकता है।
विशाल सिक्का और आर सेशषायी के इंफोसिस छोड़ने के बाद यह पहला वित्तीय परिणाम होगा। इंफोसिस ने 24 अगस्त को सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि को नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनाया है। इंफोसिस के प्रवक्ता ने कहा कि परिणामों में देरी की वजह कुछ बोर्ड सदस्यों के व्यस्त रहने तथा दिवाली की छुट्टियां हैं। इंफोसिस की सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धी टीसीएस अपने सितंबर तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा 12 अक्टूबर को जबकि विप्रो 17 अक्टूबर को करेगी।