हैदराबाद। इंफोसिस ने अपने मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) यू बी प्रवीण राव के वेतन में वृद्धि का पूरी तरह बचाव करते हुए कहा कि यह इस क्षेत्र की अन्य कंपनियों में लागू मानकों के अनुसार तय किया गया है। इंफोसिस ने कहा कि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के वेतन में वृद्धि का मकसद कंपनी को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाना है और यह महत्वपूर्ण प्रतिभाओं को जोड़े रखने के लिहाज से बहुत मायने रखता है।
उल्लेखनीय है कि कंपनी के सह संस्थापक व पूर्व चेयरमैन एन आर नारायणमूर्ति ने इस वृद्धि पर आपत्ति जताई थी। नारायमूर्ति ने इस वृद्धि को इंफोसिस के ज्यादातर कर्मचारियों के लिहाज से पूरी तरह अनुचित करार दिया है जिनकी सालाना वेतन वृद्धि 6-8 प्रतिशत रहती है। नारायणमूर्ति का साथ देने के लिए कंपनी के पूर्व डायरेक्टर और पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी टीवी मोहनदास पई भी सोमवार को सामने आए। उन्होंने कहा कि इस मामले में सैलरी तो बहुत शानदार है, लेकिन प्रदर्शन नहीं।
कंपनी के निदेशक मंडल पर भ्रमित होने का आरोप लगाते हुए पई ने कहा कि इस समस्या के मूल में पूर्व में कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिक्का के वेतन में बिना किसी स्पष्टीकरण के उल्लेखनीय वृद्धि करना है। इससे अन्य कार्यकारियों को भी अच्छी वेतन वृद्धि की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि भारत में वेतन स्तर की तुलना अमेरिका से नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि हम एक भारतीय कंपनी हैं और हमें यहां के नियम मानने होंगे, न कि अमेरिका के। इंफोसिस एक अमेरिकन कंपनी नहीं है।
पई ने कहा कि ऐसे समय जब पिछले सात सालों से आईटी इंडस्ट्री में शुरुआती स्तर के सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की सैलरी नहीं बढ़ी है, उच्च स्तर के कार्यकारियों की सैलरी बढ़ाना सरासर गलत है।
उन्होंने कहा कि तीन-चार साल पहले तक सीओओ (इंफोसिस के) की सैलरी 3.5 से 4 करोड़ रुपए हुआ करती थी। लेकिन अब यह बढ़कर 12 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। पई ने कहा कि जब तक सबसे निचले स्तर के लोगों (सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स) को अच्छा वेतन और नियमित वेतनवृद्धि नहीं मिलती, तब तक उच्च स्तर के अधिकारियों को ज्यादा वेतन देने से कुछ नहीं होने वाला। लंबे समय के लिए यह बिल्कुल गलत है।
पई ने राव का नाम लिए बगैर कहा कि यदि कोई व्यक्ति शानदार प्रदर्शन कर रहा है तब अधिक सैलरी ठीक है। लेकिन यहां प्रदर्शन बिल्कुल भी अच्छा नहीं है, लेकिन सैलरी बहुत शानदार है। भारत में एंट्री लेवल सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सालाना सैलरी 3.5 लाख रुपए है, और जो व्यक्ति सीओओ है उसकी सैलरी 12 या 13 करोड़ रुपए है।
नारायणमूर्ति ने इससे पहले रविवार को सीओओ राव की सैलरी बढ़ाने के बोर्ड द्वारा फरवरी में लिए गए फैसले को अनुचित बताते हुए कहा था कि इससे कर्मचारियों का मैनेजमेंट तथा बोर्ड पर से भरोसा और विश्वास खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा था कि एक उच्च पद पर बैठे व्यक्ति को 60 से 70 प्रतिशत वेतनवृद्धि देना और कंपनी के अधिकांश कर्मचारियों को केवल 6 से 8 प्रतिशत सैलरी हाइक देना, मेरे विचार में उचित नहीं है।