नई दिल्ली। एन आर नारायणमूर्ति तथा नंदन नीलेकणि सहित इन्फोसिस के अन्य शेयरधारकों ने पुनर्खरीद पेशकश के तहत 2,038 करोड़ रुपये के 1.77 करोड़ शेयरों की पेशकश की है। कंपनी 13,000 करोड़ रुपये के शेयरों की पुनर्खरीद करने जा रही है। प्रवर्तक समूह में ज्यादातर संस्थापक और उनका परिवार शामिल है। प्रवर्तकों ने कंपनी के तीन दशक से अधिक के इतिहास की पहली पुनर्खरीद पेशकश का हिस्सा बनने की मंशा जताई है। प्रवर्तकों ने इसके लिए 1.77 करोड़ शेयरों की पेशकश की है।
शेयरों की पुनर्खरीद 1,150 रुपये प्रति शेयर के मूल्य पर की जाएगी। इसका मतलब है कि यदि उनके द्वारा पेश सभी शेयरों को इसके लिए स्वीकार कर लिया जाता है तो उन्हें 2,038.94 करोड़ रुपये की अप्रत्याशित राशि मिलेगी। जून, 2017 के अंत तक प्रवर्तक समूह संस्थापक और परिवार के पास कंपनी के 29.28 करोड़ शेयर या 12.75 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
इन्फोसिस की 11.3 करोड़ शेयरों की पुनर्खरीद पेशकश शुक्रवार के बंद भाव 920.10 रुपये प्रति शेयर की तुलना में 25 प्रतिशत प्रीमियम पर की जा रही है। इसकी रिकॉर्ड की तारीख 25 अक्तूबर, 2017 या उसके बाद हो सकती है। नीलेकणि ने अपने परिवार के साथ 58 लाख शेयरों की पेशकश की है। वहीं नारायमूर्ति ने अपनी पत्नी सुधा तथा दो बच्चों के साथ 54 लाख शेयरों की पेशकश की है।
एस गोपालकृष्णन और उनके परिवार ने 22 लाख तथा के दिनेश ने 29 लाख शेयरों की पेशकश की है। प्रवर्तक समूह के सदस्यों में व्यक्तिगत हैसियत में सबसे ज्यादा 2.14 प्रतिशत हिस्सेदारी गोपालकृष्णन की पत्नी सुधा गोपालकृष्णन के पास है। एस डी शिबूलाल इस पुनर्खरीद पेशकश में शामिल नहीं होंगे जबकि उनकी पत्नी एवं पुत्र ने 14 लाख शेयरों की पेशकश की है।