नई दिल्ली। वैश्विक कारोबार में बढ़ते संरक्षणवाद के बीच मंगलवार को आयोजित विश्व व्यापार संगठन (WTO) की औपचारिक बैठक में अमेरिका और चीन सहित 52 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। भारत ने WTO को पुनर्जीवित करने के विकल्प तलाशने के लिए यह बैठक बुलाई है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने बैठक में प्रतिनिधियों का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि यह बैठक हिस्सा लेने वाले देशों को स्वतंत्र एवं खुलकर विचार-विमर्श करने का अवसर मिलेगा।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि WTO के महानिदेशक रॉबर्टो एजेवेदो समेत 52 देशों के प्रतिनिधि चर्चा में भाग ले रहे हैं। प्रतिनिधियों में 27 देशों के मंत्री और उप-मंत्री भी शामिल हैं। इसमें आगे कहा गया है कि सभी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों ने इस बैठक और WTO में काम करने के लिए राजनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करने की वाणिज्य मंत्री की पहल की सराहना की।
औपचारिक विचार-विमर्श पूरे दिन जारी रहेगा और बैठक में भाग लेने वाले प्रतिनिधि विश्व व्यापार संगठन को पुनर्जीवित करने के विकल्प तलाशेंगे।
संरक्षणवाद को लेकर चिंता जताते हुए रॉबर्टो एजेवेदो ने कहा कि अमेरिका ने इस्पात और एल्युमीनियम पर नया शुल्क लगाने की घोषणा की है। इसके जवाब में हमने कई अन्य देशों की ओर से भी संभावित व्यापार प्रतिबंध कार्रवाई करने का ऐलान भी सुना है। यह वास्तव में चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि तनाव बढ़ाने के बजाए विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देशों को वैश्विक व्यापार को बाधित करने वाले मुद्दों को हल करने के तरीके ढूंढने की जरूरत है।