गुलमर्ग। राजस्व सचिव हसमुख अधिया का मानना है कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) के क्रियान्वयन के बाद मुद्रास्फीति में दो प्रतिशत की गिरावट आएगी और अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी। आजादी के बाद देश में सबसे बड़े कर सुधार की जमीन तैयार हो चुकी है। सरकार ग्राहकों को GST के बारे में जानकारी देने के लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाएगी जिससे उन्हें व्यापारी नए कर के नाम पर चूना न लगा सकें।
अधिया ने कहा कि,
GST काउंसिल की अगले सप्ताह भी बैठक होगी जिसमें लंबित उत्पादों मसलन सोना, बीड़ी और बिस्कुट की दरें तय की जाएंगी, जिससे GST को एक जुलाई से लागू किया जा सके।
पिछले सप्ताह परिषद की दो दिन की बैठक में 500 से अधिक सेवाओं और 1,200 वस्तुओं की दरें तय की गईं। इन वस्तुओं और सेवाओं को 5, 12, 18 और 28 फीसदी के टैक्स स्लैब में रखा गया है।
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अधिया और उनकी टीम श्रीनगर से दिल्ली लौटने से पहले गुलमर्ग आई थी। उन्होंने कहा कि टैक्सेशन की जो दरें तय की गई हैं उससे ज्यादातर वस्तुओं और सेवाओं के लिए दरें या तो कम हुई हैं या उसे उसी स्तर पर रखा गया है। राजस्व सचिव अधिया ने कहा, मुझे नहीं लगता कि GST की वजह से महंगाई बढ़ेगी। हमने इस पर विशेष ध्यान दिया है कि महंगाई न बढ़े। हमारा आंतरिक अनुमान है कि दरों पर फैसला होने के बाद वास्तव में मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घटेगी।
मौजूदा अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं की लागत ऊंची पहुंच जाती है, लेकिन GST व्यवस्था में कारोबार करने की लागत घटेगी। अभी करदाताओं और उपभोक्ताओं को एकल बिक्री पर केंद्र और राज्य दोनों को कर देना पड़ता है, जिससे कारोबार और उपभोक्ताओं के लिए लागत बढ़ जाती है। इस तरह की लागत वृद्धि की वजह से मुद्रास्फीतिक दबाव बढ़ता है। GST में राष्ट्रव्यापी स्तर पर एकल बिक्री कर होगा। इसमें विभिन्न केंद्रीय और राज्य कर समाप्त हो जाएंगे।
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अधिया ने वादा किया कि क्रियान्वयन के दौरान अनुपालन को लेकर यदि कोई मुद्दा उठेगा तो उसे दूर किया जाएगा। राजस्व सचिव ने कहा कि GST व्यवस्था में बेहतर अनुपालन और कारोबार सुगमता से अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी। आगे क्या चुनौती है, इस पर अधिया ने कहा, मैं यह नहीं कहूंगा कि कुछ लंबित है। लेकिन सरकार को व्यापार और उद्योग और मशीनरी के पास जाकर GST प्रक्रियाओं के बारे में टाउनहॉल बैठकों में स्पष्ट करना होगा। हमें इस काम को तेजी से करना होगा। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है कि उपभोक्ता जागरूकता अभियान तेजी से आगे बढ़ाया जाए।