नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था को दोतरफा झटका लगा है। एक तरफ जहां जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर जून में बढ़कर 5 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई वहीं मई में औद्योगिक उत्पादन (IIP) की ग्रोथ घटकर 3.2 फीसदी रह गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई दर मई में 4.87 फीसदी थी जबकि जून 2017 में यह 1.46 फीसदी थी। इसमें जनवरी में 2018 में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई थी जब यह 5.07 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई थी।
सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (CSO) द्वारा किए गए आंकड़ों के अनुसार, खाद्य पदार्थ की महंगाई दर जून में 2.91 फीसदी रही जो मई में 3.1 फीसदी थी।
फ्यूल और लाइट की श्रेणी में हालांकि महंगाई दर बढ़कर 7.14 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई जो मई में 5.8 फीसदी थी। भारतीय रिजर्व बैंक को महंगाई दर 4 फीसदी (2 फीसदी के मार्जिन के साथ) के आसापास बरकरार रखने को कहा गया है। आरबीआई के गवर्नर की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति कमेटी की बैठक इसी महीने होगी जिसमें ब्याज दर व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी।