Saturday, November 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. महंगाई से फिलहाल नहीं राहत, 200/KG तक चढ़ सकते हैं दाल के दाम

महंगाई से फिलहाल नहीं राहत, 200/KG तक चढ़ सकते हैं दाल के दाम

देश की 70 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है। इसके बावजूद प्याज, दाल और खाद्य तेल जैसी एग्री कमोडिटीज के लिए आयात पर निर्भरता बढ़ती जा रही है।

Dharmender Chaudhary
Updated on: October 08, 2015 13:21 IST
महंगाई से फिलहाल नहीं राहत, 200/KG तक चढ़ सकते हैं दाल के दाम- India TV Paisa
महंगाई से फिलहाल नहीं राहत, 200/KG तक चढ़ सकते हैं दाल के दाम

नई दिल्ली: देश की 70 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है। इसके बावजूद प्याज, दाल और खाद्य तेल जैसी एग्री कमोडिटीज के लिए आयात पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। एक ओर जहां महंगा प्याज आम आदमी के आंसू निकाल रहा है वहीं दूसरी ओर 150 रुपए प्रति किलो बिक रही अरहर की दाल के फिलहाल नीचे आने की कोई संभावना नहीं। सोमवार को दिल्ली के थोक बाजार में अहर दाल की कीमतें 150 रुपए प्रति किलो पहुंच गई। वहीं आम उपभोक्ता को रिटेल मार्केट में एक किलो अरहर दाल के लिए 170-180 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। एक्सपर्ट्स की माने तो यही हाल रहा तो आने वाले दिनो में अरहर की दाल 200 रुपए प्रति किलो तक बिक सकती है। कीमतों में आई तेजी का प्रमुख कारण डिमांड और सप्लाई में असमानता है। देश मे इस साल कुल 230 लाख टन दाल खपत होने की संभावना है, जबकि उत्पादन 172 लाख टन के आसपास रह सकता है।

अकोला (महाराष्ट्र) के बड़े दाल कारोबारी वीरेंद्र गोयल के मुताबिक कि सरकार ने दाल आयात करने का फैसला किया लेकिन अब तक आयात नहीं हो पाया। साथ सही घरेलू खरीफ सीजन में पैदा होने वाले दालों की आवक में अभी समय लगेगा। इसके कारण दाल की कीमतें फिलहाल कम होने की उम्मीद नहीं है।

पिछले एक साल में 90 फीसदी महंगी हुई दाल

table

(स्त्रोत: डिपार्टमेंट ऑफ कंस्यूमर अफेयर्स (प्राइस मॉनिटरिंग सेल), कीमत रुपए प्रति किलो)

दाल आयात 50 लाख टन पहुंचने का अनुमान

दिल्ली के बड़े दाल कारोबारी सुनिल बलदेवा ने बताया कि देश में लगातार दालों की खपत बढ़ रही है। जबकि उत्पादन खपत के मुकाबले कम है। ऐसे में इस साल दालों का आयात 50 लाख के पार पहुंच सकता है। वहीं आयात महंगा होने के कारण दालों की कीमतें ऊपरी स्तर पर बनी रह सकती हैं। बलदेवा ने कहा कि नमी कम होने के कारण इस साल देश में चने का उत्पादन भी घट सकता है। आरबीआई के अनुसार सालाना दाल के आयात पर सरकार 170.63 अरब रुपए खर्च करती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस साल देश में 50 लाख टन दाल आयात होने की आशंका है।

कृषि राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान ने कहा कि फसलों को नुकसान हुआ है इसलिए निश्चित तौर पर दाम बढ़े हैं। अभी इंपोर्ट से ही इस पर काबू पाने की योजना है। इसके अलावा रकबा बढ़े और दालों के मामले में देश आत्मनिर्भर हो हमारा प्रयास है।

dal

इंटर-क्रॉप और किसानों को जागरुक करने की जरुरत

कृषि विशेषज्ञ वेद प्रकाश शर्मा ने इंडियाटीवी पैसा को बताया कि देश में दालों की खपत लगातार बढ़ रही है। जबकि उत्पादन उत्पादन इसके मुकाबले काफी कम है। डिमांड और सप्लाई का गैप हर साल बढ़ रहा है। उत्पादन के मुकाबले देश में करीब 60 लाख ज्यादा दालों की खपत है। यही वजह है कि आयातित दालों में हमारी निर्भरता बढ़कर 30 फीसदी पहुंच गई है। शर्मा के मुताबिक सप्लाई और डिमांड के गैप को खत्म करने के लिए सरकार को इंटर-क्रॉप और किसानों को जागरुक करने की जरुरत है। इसके अलावा सरकार को गेहूं और चावल के तर्ज पर दालों की खरीददारी के लिए पुख्ता इंतजाम करना चाहिए। उनके मुताबिक अगर सरकार राजस्थान में इंटर-क्रॉप की पर जोर देती है, तो दालों का आयात घट सकता है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement