नई दिल्ली। उद्योग जगत ने लोकसभा में जीएसटी विधेयक (GST) के पारित होने का स्वागत करते हुए कहा कि इससे एक अप्रैल से अप्रत्यक्ष कर सुधार के लागू होने की संभावना बढ़ी है। उनका कहना है कि इस नई कर व्यवस्था के लागू होने के साथ निवेश बढ़ेगा और देश की आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। उद्योग मंडल सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, विधेयक के पारित होने के साथ उम्मीद है कि जीएसटी का एक अप्रैल 2017 से क्रियान्वयन हकीकत होगा।
बनर्जी ने कहा, जीएसटी आने वाले वर्षों में अर्थव्यवस्था में बहु-प्रतीक्षित पारदर्शिता लाएगा और इससे अधिक निवेश आकर्षित होगा। हम उम्मीद करते हैं कि उच्च कर राजस्व तथा निवेश से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कुछ प्रतिशत अंक की वृद्धि होगी। जीएसटी को 1991 के बाद एक बड़ा आर्थिक सुधार माना जा रहा है और विभिन्न राज्य एवं स्थानीय करों को समाहित करेगा और उसकी जगह एकल एकीकृत मूल्य वद्रि्धत कर प्रणाली लेगा। संसद में पारित होने के बाद कम-से-कम 16 राज्यों को 30 दिनों के भीतर इसे मंजूरी देनी होगी। पीएचडी चैंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष महेश गुप्ता ने कहा, यह विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन संभावना को बढ़ाएगा और सेवा क्षेत्र की वृद्धि में तेजी लाएगा। बड़ी मात्रा में निवेश आकर्षित करेगा और लाखों नये रोजगार के अवसर सृजित करेगा। जीएसटी उत्पाद शुल्क, सेवा कर, चुंगी और अन्य शुल्कों को समाहित करेगा और इससे प्राप्त राजस्व का केंद्र एवं राज्यों के बीच विभाजन होगा।
फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन नेवतिया ने कहा, उद्योग जगत को अब इस एक समान और सरल कर प्रणाली को लागू किए जाने का इंतजार है। उम्मीद है कि जीएसटी से कर अनुपालन आसान होगा और विश्व बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धा क्षमता मजबूत होगी। एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने बड़ा सुधार बताया और विश्वास जताया कि इसका क्रियान्वयन सुचारू होगा। वहीं इंजीनियरिंग निर्यातकों का निकाय ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन टीएस भसीन ने कहा कि जीएसटी का क्रियान्वयन इस रूप में होना चाहिए जिससे निर्यातकों के लिये प्रक्रियागत कठिनाइयां न हों।