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Budget 2018: उद्योग जगत ने की कॉरपोरेट टैक्‍स घटाने की मांग, नए निवेश को आकर्षित करने के लिए मांगा प्रोत्‍साहन

वित्‍त वर्ष 2018-19 के आम बजट से पहले वित्त मंत्री के साथ आज बैठक में उन्होंने नए निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहनों की भी मांग की।

Edited by: Abhishek Shrivastava
Updated : December 06, 2017 16:40 IST
बजट पूर्व बैठक में...
बजट पूर्व बैठक में उद्योग जगत की मांगों को पढ़ते हुए वित्‍त मंत्री अरुण जेटली।

नई दिल्ली। उद्योग संगठनों ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से कॉरपोरेट टैक्‍स की दर घटाने की मांग की है। वित्‍त वर्ष 2018-19 के आम बजट से पहले वित्त मंत्री के साथ आज बैठक में उन्होंने नए निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहनों की भी मांग की। निर्यातकों ने जीएसटी का रिफंड जल्द किए जाने पर जोर दिया। 

उद्योग मंडलों ने वित्त मंत्री से कॉरपोरेट टैक्‍स की दर को मौजूदा के 30 प्रतिशत से घटाकर 18 से 25 प्रतिशत के दायरे में लाने की बात उठाई। वहीं निर्यातकों ने बैठक में निर्यात आय पर टैक्‍स से छूट, विदेशी मुद्रा आमदनी पर कम दर तथा जीएसटी रिफंड का काम तेजी से किए जाने की मांग की। 

फिक्की अध्यक्ष पंकज पटेल ने कहा, ‘‘वित्त मंत्री ने काफी समय पहले कॉरपोरेट टैक्‍स की दर को 25 प्रतिशत पर लाने का वादा किया था। हमें उम्मीद है कि इस बजट में वह अपने वादे को पूरा करेंगे।’’ वित्त मंत्री एक फरवरी को वित्त वर्ष 2018-19 का बजट पेश करेंगे। एक जुलाई को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद यह पहला पूर्ण राजकोषीय बजट होगा। यह 2019 के आम चुनाव से पहले मौजूदा सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। वर्ष 2019 में चुनावी वर्ष में परंपरागत लेखानुदान पेश किया जाएगा।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की अध्यक्ष शोभना कामिनेनी ने कहा कि हमने कॉरपोरेट टैक्‍स की दर को घटाने की मांग की है। दुनिया भर में कॉरपोरेट टैक्‍स की दर घटाई जा रही है। भारत में यह दर सबसे अधिक दरों में से एक है। ‘‘हमें निजी निवेश के लिए अधिक मांग और क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। आज जीएसटी की वजह से टैक्‍स दरें बढ़ गई हैं।’’ सीआईआई ने यह भी सुझाव दिया कि कॉरपोरेट टैक्‍स की दर को घटाकर 18 प्रतिशत पर लाने के लिए रूपरेखा तय की जानी चाहिए। 

इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईईपीसी) के पूर्व चेयरमैन पी के शाह ने कहा कि जीएसटी के क्रियान्वयन और रिफंड में देरी चिंता का विषय है। हमने सुझाव दिया है कि ड्रॉबैक के साथ वह आईजीएसटी रिफंड दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में निर्यात आय के लिए टैक्‍स की दर भिन्न है। हमने निर्यात आय पर टैक्‍स की दर सामान्य कॉरपोरेट टैक्‍स की दरों से कम करने की मांग की है। 

एसोचैम के अध्यक्ष संदीप जाजोदिया ने कहा कि हमने विकसित और औद्योगिक देशों की तरह यहां भी कॉरपोरेट टैक्‍स की दर को घटाकर 25 प्रतिशत पर लाने की मांग की है। इससे निवेश आकर्षित किया जा सकेगा और रोजगार पैदा होगा। लाभांश वितरण टैक्‍स को भी कम किया जाना चाहिए। यह टैक्‍स इस समय 20 प्रतिशत के आसपास है। ‘‘हमने सरकार से आग्रह किया है कि निर्यात क्षेत्र की उन इकाइयों को जो अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराते हैं उन्हें वित्तीय समर्थन मिलना चाहिए।  

निर्यातकों के संगठन फियो ने कहा है कि प्रोत्साहन निर्यात वृद्धि और रोजगार वृद्धि के दोहरे मापदंड के आधार पर मिलना चाहिए। इससे निर्यात बढ़ने के साथ-साथ रोजगार भी बढ़ेगा। 

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