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उद्योग जगत को श्रमिकों के साथ नए ढंग से संबंध बनाने की जरूरत: वित्त मंत्री

FM की उद्योग को अकुशल श्रमिकों को काम देने के लिए एक पेशेवर तरीके पर विचार करने की सलाह

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: May 21, 2020 8:51 IST
Finance Minister- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

Finance Minister

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कोविड-19 संकट के बीच उद्योग को अपने श्रमिकों के साथ नए ढंग से संबंध बनाने की जरूरत होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उद्योग को अकुशल श्रमिकों को काम देने के लिए एक पेशेवर तरीके पर विचार करना होगा। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सदस्यों के साथ परिचर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि उद्योग के लोगों को श्रमिकों के साथ व्यवहार का ऐसा उदाहरण स्थापित करना होगा जो सभी को स्वीकार्य हो। सीआईआई 2020 में अपनी स्थापना की 125वीं वर्षगांठ मना रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार उद्योग पर पूरा और व्यापक तरीके से भरोसा करती है। उन्होंने कहा कि उद्योग को अपने कर्मचारियों के साथ नए सिरे से रिश्ते बनाने होंगे और एक पेशेवर तरीका अपनाते हुए अकुशल श्रमिकों को भी रोजगार देना होगा।

 

वित्त मंत्री ने कहा कि उद्योग को सभी सभी स्तरों के कर्मचारियों को कुशल बनाने के लिए काम करना होगा। सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) क्षेत्र पर एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड-19 संकट सामने आने से पहले ही एमएसएमई और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को मदद की घोषणा की गई थी ताकि ग्रामीण इलाकों के उपक्रमों को मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि सभी एमएसएमई को अतिरिक्त टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल लोन देने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसी के मद्देनजर सरकार ने अपनी ओर से गारंटी दी है ताकि बैंक इस क्षेत्र को कर्ज देने में हिचकिचाएं नहीं।

 

वित्त मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के बाद यदि सरकार विशेष इकाई के जरिये पूर्ण या आंशिक गारंटी उपलब्ध कराती है तो बैंकों की हिचकिचाहट को दूर किया जा सकेगा। कृषि से संबंधित एक सवाल पर सीतारमण ने कहा कि क्षेत्र को लेकर व्यापक सुधारों की घोषणा की गई है। राज्यों के साथ तीन आदर्श कानूनों को साझा किया गया है। कई राज्यों ने भूमि सुधारों पर काम भी करना शुरू दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ है जो प्रवाह के मामले में सबसे निचली तिमाही पर आ गया है। इस बारे में भी बातचीत चल रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बिजली क्षेत्र को 90,000 करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध कराने का काम तेजी से किया जाएगा। सीतारमण ने कहा कि नौकरियों बचाने, मांग बढ़ाने और बड़े कंपनियों के बचाव के लिए भी विचार-विमर्श किया जा रहा है।

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