नई दिल्ली। ऑनलाइन रमी उद्योग को विनियमित करने के प्रयासों के तहत इससे जुड़ी स्व नियमन इकाई 'द रमी फेडरेशन' (टीआरएफ) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) समीर बार्डे ने गुरुवार को चार रमी संचालकों को मान्यता प्रदान करते हुए टीआरएफ के प्रतीक ऑनलाइन मोहर भी उपलब्ध करायी। इस मौके पर समीर बार्डे ने कहा कि यह दिमागी कुशलता का खेल है जुआ नहीं। बार्डे ने रमी उद्योग के अग्रणी संचालक हेड इंफोटेक (एस2थ्री),जंगली गेम्स (जंगली रमी), पैशन गेमिंग (रमी पैशन),और प्ले गेम्स 24 इनटू 7(रमी सर्कल) को मान्यता दी। बता दें कि संचालकों को दी गई यह मोहर टीआरएफ की आचार संहिता के प्रति इन संचालकों के अनुपालन का प्रतीक है।
बोर्डे ने कहा कि रमी दक्षिण भारत का प्रिय खेल है लेकिन उत्तर भारत में अभी इसका प्रचलन कम है। उत्तर भारत में अभी इसे लोग जुआ मानते हैं जबकि यह दिमागी खेल यानी 'गेम ऑफ स्किल' है। इसमें चांस या किस्मत की भूमिका नगण्य है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कई बार अपने आदेश में कहा है कि 'कौशल के खेल' को जुआ नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा कि रमी कुशलता का खेल है।
सीईओ बोर्डे ने कहा कि देश में ऑनलाइन रमी उद्योग के मौजूदा समय में करीब साढ़े पांच करोड़ खिलाड़ी हैं। यह उद्योग अभी करीब 2200 करोड़ रुपए का है और इसमें 34 प्रतिशत की दर से वार्षिक वृद्धि हो रही है। बार्डे ने कहा कि टीआरएफ ने इस खेल को जिम्मेदार, निष्पक्ष और सुरक्षित बनाने के लिए कड़ी नियमावली बनायी है और खेल पर नजर रखने के लिए व्यापक मानक निर्धारित किए हैं। इसमें खिलाड़ी को पूरी आजादी प्रदान करने के साथ-साथ उसके हितों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
बोर्डे ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने पर संचालक की मान्यता तत्काल रद्द कर दी जाएगी। मान्यता प्राप्त संचालकों की इससे जुड़ी गतिविधियों का निरंतर अंकेक्षण किया जाना सुनिश्चित किया गया है जिससे किसी तरह की धांधली और गड़बड़ी की आशंका न रहे।