मुंबई। बिड़ला ग्रुप के दिग्गज और कुमार मंगलम बिड़ला के दादा बसंत कुमार (बीके) बिड़ला का बुधवार को मुंबई में निधन हो गया। वह 98 वर्ष के थे। भारतीय उद्योग जगत का एक अहम हिस्सा रहे बिड़ला उम्र-संबंधी बीमारियों से पीडि़त थे। बिड़ला सेंचुरी टेक्सटाइल्स और इंडस्ट्रीज के चेयरमैन थे और वह 15 वर्ष की उम्र से ही कारोबार में सक्रिय हो गए थे।
बीके बिड़ला की दो बेटियां मंजूश्री खेतान और जयश्री मोहता हैं, जो क्रमश: केसोराम इंडस्ट्रीज और जयश्री टी एंड इंडस्ट्रीज का संचालन करती हैं। आदित्य बिक्रम बिड़ला बीके बिड़ला के एकलोते पुत्र थे, जिनकी मृत्यु 1995 में हो चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि बिड़ला के पार्थिव शरीर को कोलकाता स्थित उनके घर बिड़ला पार्क में ले जाया जाएगा और गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके पोते कुमार मंगलम बिड़ला खराब स्वास्थ्य के कारण उन्हें अपने साथ मुंबई ले गए थे।
1921 में पैदा हुए बिड़ला परोपकारी घनश्याद दास बिड़ला के सबसे छोटे पुत्र थे। 15 साल की उम्र से ही वह कई कंपनियों के साथ सक्रियरूप से जुड़ गए थे और जल्द ही वह केसोराम इंडस्ट्रीज के चेयरमैन बन गए। उन्होंने कपास, विस्कोस, पॉलिस्टर और नायलॉन यार्न, रिफैक्टरी, पेपर, शिपिंग, टायरकोर्ड, ट्रांसपैरेंट पेपर, स्पन पाइप, सीमेंट, चाय, कॉफी, इलायची, केमिकल्स, प्लाईवुड, एमडीएफ बोर्ड जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया और अपना कारोबार फैलाया।
बीके बिड़ला ग्रुप में सेंचुरी टेक्सटाइल्स, सेंचुरी एनका और जयश्री टी एंड इंडस्ट्रीज के अलावा केसोराम इंडस्ट्रीज शामिल हैं। बिड़ला कृष्णार्पन चैरिटी ट्रस्ट के भी अध्यक्ष थे, जो राजस्थान के पिलानी में बीके बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी कॉलेज का संचालन करती है।