नई दिल्ली। कोर सेक्टर के आंकड़ों से राहत महसूस कर रही सरकार को अर्थव्यवस्था के दो मोर्चों से निराशाजनक संकेत मिले हैं। दिसंबर के दौरान देश में औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार घटी है। वहीं दूसरी तरफ जनवरी में खुदरा महंगाई दर में बढ़त देखने को मिली है। बढ़त के साथ महंगाई दर 68 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गई है।
आज जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर के दौरान औद्योगिक उत्पादन 0.3 फीसदी घटा है। एक साल पहले इसमें 2.5 फीसदी की बढ़त देखने को मिली थी। औद्योगिक उत्पादन में गिरावट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में दबाव की वजह से रही है। एनएसओ के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का आउटपुट दिसंबर के महीने में 1.2 फीसदी गिरा है। वहीं पिछले साल दिसंबर में 2.9 फीसदी की बढ़त देखने को मिली थी। बिजली उत्पादन में भी 0.1 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। वहीं माइनिंग सेक्टर का उत्पादन 5.4 फीसदी बढ़ा है। सेक्टर में पिछले साल 1 फीसदी की गिरावट रही थी।
वहीं दूसरी तरफ खुदरा महंगाई दर में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिली है। जनवरी के दौरान महंगाई दर 7.59 फीसदी रही। यह इसका साढ़े पांच साल का उच्चस्तर है। दिसंबर में महंगाई 7.35 फीसदी के स्तर पर थी वहीं पिछले साल जनवरी में महंगाई दर 1.97 फीसदी के स्तर पर थी। खुदरा महंगाई दर में बढ़त खाद्य कीमतों में तेजी की वजह से रही है। जनवरी के दौरान खाद्य महंगाई दर 13.63 फीसदी रही है। पिछले साल जनवरी के दौरान खाद्य महंगाई शून्य से भी नीचे (-) 2.24 फीसदी के स्तर पर थी।