नयी दिल्ली। विनिर्माण, उपभोक्ता सामानों और बिजली क्षेत्र में तेजी से अक्टूबर 2020 में औद्योगिक उत्पादन 3.6 प्रतिशत बढ़कर आठ माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया। इस वित्त वर्ष में यह लगातार दूसरा महीना रहा जब औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई। राष्ट्रीय सांख्यकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर माह में विनिर्माण क्षेत्र में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में विनिर्माण क्षेत्र का 77.6 प्रतिशत तक वजन है। एक साल पहले इसी माह के दौरान विनिर्माण क्षेत्र में 5.7 प्रतिशत की गिरावट थी।
वहीं यदि आईआईपी की अक्टूबर 2019 की बात की जाये तो तब इसमें 6.6 प्रतिशत गिरावट थी। आईआईपी में शामिल विभिन्न उत्पाद वर्गों में इसतेमाल आधारित वर्गीकरण में टिकाऊ उपभोक्ता सामानों के वर्ग में अक्टूबर के दौरान 17.6 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि दर्ज की गई। इस वर्ग में एक साल पहले इसी माह के दौरान 18.9 प्रतिशत की गिरावट रही थी। टिकाऊ उपभोक्ता सामानों में रेफ्रीजिरेटर, वाशिंग मशीन और दूसरे इलेक्ट्रिकल सामान शामिल होते हैं।
बिजली उत्पादन वर्ग में आलोच्य माह के दौरान 11.2 प्रतिशत की वृद्धि रही जबकि खनन क्षेत्र के उत्पादन में 1.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। औद्योगिक उत्पादन में इस साल फरवरी में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। उसके बाद मार्च से यह गिरावट के दौर में चला गया। मार्च से लेकर अगस्त 2020 तक इसमें लगातार गिरावट आती रही। सितंबर माह में जाकर औद्योगिक उत्पादन में मामूली 0.5 प्रतिशत की वृद्धि आई। देश में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को देखते हुये सरकार ने 24 मार्च से देशभर में पूरी तरह से लॉकडाउन लगा दिया था, इसका आर्थिक गतिविधियों पर बुरा असर पड़ा। हालांकि जून के बाद से धीरे धीरे आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति दिये जाने के बाद से आर्थिक क्षेत्र में स्थिति सुधर रही है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री आदिति नायर ने कहा कि अक्टूबर महीने में हालांकि आईआईपी आठ माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया। महामारी के बाद यह इसका बेहतर प्रदशर्न रहा है लेकिन कुल मिलाकर अक्ट्रबर 2020 में जो वृद्धि दिखी है वह उम्मीद से कुछ कमजोर नजर आती है। नायर ने कहा, ‘‘अक्टूबर में आईआईपी में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि हमारी 5.5 प्रतिशत वृद्धि के आंकड़े से पीछे रही है। हमारा मानना था कि त्योहारी मौसम शुरू होने से पहले उद्योगों में जमकर उत्पादन हुआ होगा और काफी माल तैयार किया गया होगा। इससे आईआईपी में अच्छी वृद्धि की उम्मीद की गई थी।’’
एनएसओ आंकड़ों के मुताबिक पूंजीगत सामानों का उत्पादन अक्टूबर माह में 3.3 प्रतिशत बढा है। एक साल पहले इसी माह में इस वर्ग में 22.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। वहीं उपभोक्ता गैर- टिकाऊ सामानों का उत्पादन 7.5 प्रतिशत बढ़ा है जो कि एक साल पहले इसी माह में 3.3 प्रतिशत घटा था। आईआईपी में शामिल अवसंरचना, निर्माण सामानों के वर्ग में भी 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
हालांकि, प्राथमिक सामानों के वर्ग में इस दौरान 3.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्ट्रबर माह के सात माह के सकल औद्योगिक उत्पादन की यदि बात की जाये तो आंकड़ों के मुताबिक इसमें 17.5 प्रतिशत की गिरावट रही है। एक साल पहले इसी अवधि में यह 0.1 प्रतिशत बढ़त में था। इंडिया रेटिंग्स एण्ड रिसर्च के प्रधान अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि विनिर्माण गतिविधियां धीरे धीरे कोविड- 19 से पहले के स्तर पर पहुंच रही है और अब हम फरवरी 2020 के स्तर से केवल 2.6 प्रतिशत ही पीछे हैं।