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औद्योगिक उत्पादन फरवरी में 3.6 फीसदी घटा, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने जारी किए आंकड़े

देश के औद्योगिक उत्पादन में इस साल फरवरी में 3.6 प्रतिशत की गिरावट आयी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के सोमवार को जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आधारित आंकड़ों के अनुसार फरवरी, 2021 में विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन 3.7 प्रतिशत घटा है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: April 12, 2021 18:37 IST
औद्योगिक उत्पादन फरवरी में 3.6 फीसदी घटा, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने जारी किए आंकड़े- India TV Paisa
Photo:PIXABAY

औद्योगिक उत्पादन फरवरी में 3.6 फीसदी घटा, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने जारी किए आंकड़े

नई दिल्ली: देश के औद्योगिक उत्पादन में इस साल फरवरी में 3.6 प्रतिशत की गिरावट आयी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के सोमवार को जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आधारित आंकड़ों के अनुसार फरवरी, 2021 में विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन 3.7 प्रतिशत घटा है। आलोच्य माह में खनन उत्पादन में 5.5 प्रतिशत की कमी आयी जबकि बिजली उत्पादन 0.1 प्रतिशत बढ़ा।

पिछले साल फरवरी में आईआईपी में 5.2 फीसदी की वृद्धि हुई थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2020-21 की अप्रैल-फरवरी अवधि के दौरान आईआईपी में 11.3 प्रतिशत की गिरावट रही है जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी अवधि में इसमें एक प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। औद्योगिक उत्पादन पर पिछले साल मार्च से कोविड-19 महामारी का प्रभाव पड़ा है। उस समय इसमें 18.7 प्रतिशत गिरावट आयी थी।

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खाद्य पदार्थो के महंगा होने से रिटेल इन्फ्लेशन मार्च में बढ़कर 5.52 फीसदी पर

खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति की दर मार्च में बढ़कर 5.52 प्रतिशत पर पहुंच गई। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इससे पिछले माह फरवरी में 5.03 प्रतिशत पर थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 4.94 प्रतिशत पर पहुंच गई। इससे पिछले महीने यह 3.87 प्रतिशत थी। इसी तरह ईंधन और प्रकाश श्रेणी की मुद्रास्फीति 4.50 प्रतिशत रही, जो फरवरी में 3.53 प्रतिशत पर थी। इससे पहले इसी महीने भारतीय रिजर्व बैंक ने जनवरी-मार्च 2020-21 की तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया था। 

केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों में यह 5.2 प्रतिशत के स्तर पर रहेगी। जून से नवंबर, 2020 तक खुदरा मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के लक्ष्य के ऊपरी स्तर छह प्रतिशत से अधिक रही थी। दिसंबर, 2020 में इसमें गिरावट आई थी। उसके बाद जनवरी, 2021 में यह और घटकर 4.1 प्रतिशत पर आ गई थी।

हालांकि, फरवरी में आधार प्रभाव की वजह से खुदरा मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत हो गई। रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा निर्धारित करते समय खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे के दायरे के साथ) पर रखने का लक्ष्य मिला हुआ है। मुद्रास्फीतिक चिंताओं के बीच केंद्रीय बैंक ने पिछली मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया।

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