नई दिल्ली। दुनियाभर में आर्थिक मंदी की नकारात्मक खबरों के बीच गुरुवार को भारत के औद्योगिक उत्पादन और मुद्रास्फीति से जुड़ी अच्छी खबर आई। जुलाई माह में देश का औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर बढ़कर 4.3 प्रतिशत रही, जो इससे पहले जून माह में 1.17 प्रतिशत थी। हालांकि एक साल पहले जुलाई, 2018 में आईआईपी का यह आंकड़ा 6.5 प्रतिशत था।
गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर मापी जाने वाली औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर एक साल पहले जुलाई में 6.5 प्रतिशत रही थी। आईआईपी में विनिर्माण क्षेत्र में नरमी देखी गई। जुलाई महीने में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 4.2 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले इसमें 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
बिजली उत्पादन में आलोच्य महीने में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि रही जबकि एक साल पहले जुलाई महीने में यह 6.6 प्रतिशत थी। हालांकि, खनन क्षेत्र की वृद्धि दर इस साल जुलाई में बढ़कर 4.9 प्रतिशत रही, जो पिछले वर्ष इसी महीने में 3.4 प्रतिशत रही थी।
अगस्त में मुद्रास्फीति मामूली बढ़ी
अगस्त माह में खुदरा मुद्रास्फीति मामूली बढ़कर 3.21 प्रतिशत रही, जो इससे पहले जुलाई माह में 3.15 प्रतिशत थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक महंगी खाद्य पदार्थों की वजह से महंगाई दर में तेजी आई है।