नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था में सुस्ती का संकेत देते हुए लगातार तीसरे महीने जनवरी में भी औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है। विशेषरूप से विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन तथा पूंजीगत वस्तुओं की मांग घटने से औद्योगिक उत्पादन घटा है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों के अनुसार नवंबर में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 3.4 फीसदी तथा दिसंबर में 1.2 फीसदी घटा था। पिछले साल जनवरी में औद्योगिक वृद्धि 2.8 फीसदी थी। अप्रैल-जनवरी में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर पिछले साल इसी दौर के 2.7 फीसदी के स्तर पर स्थिर रही।
जनवरी में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट की वजह मुख्य रूप से पूंजीगत सामान के उत्पादन में 20.4 फीसदी की भारी गिरावट है। जनवरी, 2015 में पूंजीगत सामान क्षेत्र का उत्पादन 12.4 फीसदी बढ़ा था। औद्योगिक उत्पादन में 75 फीसदी का भारांश रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन समीक्षाधीन महीने में 2.8 फीसदी घटा, जबकि जनवरी, 2015 में यह 3.4 फीसदी चढ़ा था। हालांकि, खनन क्षेत्र में कुछ सुधार दिखाई दिया। माह के दौरान इस क्षेत्र का उत्पादन 1.2 फीसदी बढ़ा। पिछले साल इसी महीने में इसका उत्पादन 1.8 फीसदी घटा था। इसी तरह बिजली क्षेत्र का उत्पादन जनवरी, 2016 में 6.6 फीसदी बढ़ गया। पिछले साल इसी महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन 3.3 फीसदी बढ़ा था।
माह के दौरान प्राथमिक वस्तुओं का उत्पादन 1.8 फीसदी बढ़ा। पिछले साल इसी महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन 4.8 फीसदी बढ़ा था। उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन एक साल पहले के स्तर पर बना रहा, जबकि एक साल पहले इसी माह इसमें 1.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र के उत्पादन में माह के दौरान 5.8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई। इससे पिछले वित्त वर्ष के समान महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन 5.7 फीसदी घटा था। वहीं उपभोक्ता गैर टिकाऊ क्षेत्र का उत्पादन जनवरी में 3.1 फीसदी घट गया। पिछले साल इसी महीने में यह 0.3 फीसदी बढ़ा था। उद्योगों के संदर्भ में विनिर्माण क्षेत्र के 22 में से 10 उद्योग समूहों का उत्पादन जनवरी में घटा है।