मुंबई। निजी क्षेत्र के इंडसइंड बैंक ने शनिवार को कहा कि वह देश की दूसरी सबसे बड़े सूक्ष्म ऋण देने वाली कंपनी भारत फाइनेंशियल इंक्लूजन लिमिटेड (बीएफआईएल) का अधिग्रहण करेगा। इससे बैंक का आकार और उसकी पहुंच बढ़ेगी। यह देश में किसी सूक्ष्म ऋण प्रदाता कंपनी का किसी बैंक में विलय का पहला मामला होगा साथ ही यह भविष्य में इस तरह के सौदों के लिए मिसाल का काम करेगा। बीएफआईएल को इससे पहले एसकेएस माइक्रोफाइनेंस के नाम से जाना जाता रहा है।
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बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को भेजी सूचना में कहा है कि उसके निदेशक मंडल ने बैठक में भारत फाइनेंशियल और इंडसइंड बैंक के लिए एक संयुक्त व्यवस्था योजना को स्वीकृत किया है। बैंक की एक पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई इस अधिग्रहण के लिए बनाई जाएगी। इस योजना को अभी रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, सेबी एवं अन्य नियामकों की मंजूरी मिलनी शेष है।
सूचना में कहा गया है कि,
रिजर्व बैंक की मंजूरी मिलने के बाद लागू प्रावधानों के तहत व्यवस्था योजना की जानकारी शेयर बाजारों को दी जाएगी।
योजना के तहत भारत फाइनेंशियल का इंडसइंड में विलय होगा तथा उसके शेयरधारकों को स्वीकृत अदला-बदली अनुपात के तहत इंडसइंड के शेयर दिये जाएंगे। पिछले महीने दोनों कंपनियों ने विलय की संभावना के बारे में बातचीत शुरू की थी। भारत फाइनेंशियल जिसे पहले एसकेएस माइक्रोफाइनेंस के नाम से जाना जाता रहा है, के पास 30 जून तक 68 लाख ग्राहक एवं 7709 करोड़ रुपए का ऋण पोर्टफोलियो था।
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इस सूक्ष्म वित्त कंपनी को जून में समाप्त तिमाही में 37 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। हालांकि एक साल पहले इसी अवधि में उसका घाटा 236 करोड़ रुपये रहा था। वर्ष 2016-17 में कंपनी ने 290 करोड़ का लाभ हासिल किया।