नई दिल्ली। कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड अपने प्रतिस्पर्धी इंडसइंड बैंक लिमिटेड का अधिग्रहण करने की योजना पर काम कर रहा है। इस खबर पर खुद इंडसइंड बैंक ने सोमवार को विराम लगा दिया है। इंडसइंड बैंक ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को भेजे अपने पत्र में कहा है कि उसकी कोटक महिंद्रा बैंक के प्रवर्तकों के साथ बिक्री के लिए कोई बातचीत नहीं चल रही है। इंडसइंड बैंक ने यह भी कहा है कि मीडिया में आईं इस तरह की सभी खबरें आधारहीन और भ्रामक हैं। यदि यह सौदा होता है तो कोटक महिंद्रा बैंक की स्थिति भारतीय बैंकिंग सेक्टर, विशेषकर रिटेल सेगमेंट में और मजबूत हो जाएगी। इस मामले से सीधे जुड़े दो सूत्रों ने बताया कि कोटक महिंद्रा बैंक और इंडसइंड बैंक के प्रवर्तक विलय के लिए बातचीत कर रहे हैं और अभी यह शुरुआती स्तर पर है। अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है।
कोटक महिंद्रा बैंक का बाजार पूंजीकरण 2.75 लाख करोड़ रुपए है, जबकि इंडसइंड बैंक का बाजार मूल्य लगभग 50,000 करोड़ रुपए है। इंडसइंड बैंक की प्रवर्तक इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) न इन खबरों से पूरी तरह इनकार किया है। उसने कहा कि यह सभी खबरें अफवाह और आधारहीन हैं। आईआईएचएल हिंदुजा और अन्य सफल एनआरआई द्वारा प्रवर्तित कंपनी है।
विलय की यह खबरें ऐसे समय पर सामने आई हैं जब इंडसइंड बैंक के प्रवर्तक हिंदुजा परिवार में संपत्ति विवाद चल रहा है और यह मामला लंदन कोर्ट में विचाराधीन है। चार हिंदुजा भाईयों श्रीचंद, गोपीचंद, प्रकाश और अशोक ने 2014 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें कहा गया था कि एक भाई की संपत्ति सभी भाईयों की संपत्ति होगी और इनमें से प्रत्येक दूसरे को अपना निष्पादक नियुक्त करेगा। लेकिन अब परिवार के सबसे बड़े सदस्य 84 वर्षीय श्रीचंद हिंदुजा और उनकी बेटी वीनू इस समझौते के कानूनी प्रभाव को खत्म करना चाहते हैं और 2016 की वशियत के मुताबिक परिवार की संपत्ति का बंटवारा चाहते हैं।
सितंबर में, इंडसइंड बैंक ने प्रर्वतकों और अन्य निवेशकों को तरजीह शेयर आंवटित कर 3288 करोड़ रुपए की राशि जुटाई थी। बैंक के प्रवर्तकों को उम्मीद है कि उन्हें बैंक में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 26 प्रतिशत करने की अनुमति रिजर्व बैंक से जल्द ही मिल जाएगी। लेकिन अभी तक इस प्रस्ताव पर आरबीआई ने कोई विचार नहीं किया है।