नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि करने के चलते चालू वित्त वर्ष के पहले महीने अप्रैल में इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 42 फीसदी बढ़ गया है। इस बीच वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी डीबीएस की रिपोर्ट में इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन चालू वित्त वर्ष के शुरुआती महीनों में अधिक रहने का अनुमान जताया गया है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, अप्रैल 2016 में इनडायरेकट टैक्स कलेक्शन 41.8 फीसदी बढ़कर 64,394 करोड़ रुपए रहा, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष के इसी महीने में 45,417 करोड़ रुपए था। एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन 70.7 फीसदी बढ़कर 28,252 करोड़ रुपए रही, जो एक वर्ष पूर्व इसी महीने में 16,546 करोड़ रुपए थी। बयान के अनुसार, अतिरिक्त राजस्व कलेक्शन कदमों को छोड़ दिया जाए तो अप्रैल महीने में इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में वृद्धि 17 फीसदी रही।
अतिरिक्त राजस्व उपायों में वाहन ईंधनों पर एक्साइज ड्यूटी वृद्धि शामिल है। अप्रैल महीने में कलेक्शन 2016-17 के बजटीय लक्ष्य का 8.3 फीसदी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 में 7.78 लाख करोड़ रुपए के इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का अनुमान रखा है, जो पूर्व वित्त वर्ष के 7,09,022 करोड़ रुपए के वास्तविक कलेक्शन से 9.7 फीसदी अधिक है।
सर्विस टैक्स कलेक्शन अप्रैल में 28 फीसदी बढ़कर 18,647 करोड़ रुपए रहा, जो एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में 14,585 करोड़ रुपए था। सीमा शुल्क या आयात शुल्क का कलेक्शन 22.5 फीसदी बढ़कर 17,495 करोड़ रुपए रहा, जो अप्रैल 2015 में 14,286 करोड़ रुपए था। डीबीएस की रिपोर्ट में इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन चालू वित्त वर्ष के शुरुआती महीनों में अधिक रहने का अनुमान जताया गया है। इससे सरकार को राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।