नई दिल्ली। देश में आर्थिक गतिविधियों में सुधार के साथ ही तेजी आ रही है। इसका प्रमाण इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों से मिलता है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर तक पहले सात महीनों में इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन तकरीबन 36 फीसदी बढ़कर 3.83 लाख करोड़ रुपए रहा है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि इसके साथ ही पूरे वित्त वर्ष के कुल लक्ष्य का 59.2 फीसदी हिस्सा प्राप्त कर लिया गया है। वित्त वर्ष 2015-16 के बजटीय अनुमान के अनुसार सरकार ने इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य 6.46 लाख करोड़ रुपए तय किया है।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि वित्त वर्ष 2015-16 में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 35.9 फीसदी बढ़ा है, जबकि 2015-16 के लिए इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य विकास दर 18.8 फीसदी तय की गई है। अक्टूबर 2015 में इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 36.8 फीसदी वृद्धि हुई है।
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अप्रैल-अक्टूबर 2015 में सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन 1,47,685 करोड़ रुपए रहा है, जो कि पिछले साल की समान अवधि में 87,588 करोड़ रुपए था। इसी दौरान सर्विस टैक्स का कलेक्शन 26.1 फीसदी वृद्धि के साथ 1,12,727 करोड़ रुपए रहा है। कस्टम ड्यूटी का कलेक्शन इस दौरान 16.8 फीसदी बढ़कर 1.22 लाख करोड़ रुपए रहा, जो कि पिछले साल की समान अवधि में 1.04 लाख करोड़ रुपए रहा था।
डीजल और पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोत्तरी, क्लीन एनर्जी सेस में वृद्धि, वाहन, कैपिटल गुड्स और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर से छूट खत्म करने तथा सर्विस टैक्स की दर 12.36 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी करने से भी इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में यह वृद्धि हुई है। यदि इन सभी कदमों को हटा दिया जाए तो अप्रैल-अक्टूबर के दौरान इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 11.6 फीसदी की वृद्धि हुई है।