नई दिल्ली। इंटरग्लोब एविएशन के मालिकाना हक वाली IndiGo एयरलाइंस ने सार्वजनिक एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया में हिस्सेदारी खरीदने की रुचि दिखाई है। इसके लिए इंडिगो ने एविएशन मंत्रालय को एक पत्र भी लिखा है। एविएशन सचिव आरएन चौबे ने बताया कि निजी क्षेत्र की इस कंपनी ने यह पत्र मंत्रालय की ओर से बिना किसी अनुरोध के खुद भेजा है।
सरकार ने बुधवार को कर्ज के बोझ से दबी एयर-इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है। एयर इंडिया पर तकरीबन 52,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली समिति यह तय करेगी कि एयर इंडिया में कितनी हिस्सेदारी बेची जाएगी और एयर इंडिया की संपत्ति और कर्ज का प्रबंधन कैसे किया जाएगा।
घरेलू बाजार हिस्सेदारी के तौर पर इंडिगो भारत की सबसे बड़ी निजी एयरलाइन कंपनी है। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन एयर इंडिया की बाजार हिस्सेदारी लगातार घट रही है और वर्तमान में इसकी हिस्सेदारी 13 प्रतिशत है, जबकि निजी कंपनियों जैसे इंडिगो, स्पाइसजेट और जेट एयरवेज की हिस्सेदारी बढ़ रही है। 2012 में तत्कालीन सरकार ने एयर इंडिया को 30,000 करोड़ रुपए की सहायता राशि मंजूर की थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि टाटा ग्रुप भी एयर इंडिया में हिस्सेदारी खरीद सकता है। 70 साल पहले टाटा ग्रुप ने ही एयर इंडिया की स्थापना की थी, जिसका बाद में राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था।