नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रणजय दत्ता का कहना है कि मजबूत बुनियादी कारकों के साथ मौजूदा समय भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए 'स्वर्णिम काल' है। इस समय घरेलू विमानन कंपनियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल है। हालांकि, उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान में घरेलू हवाई यात्रियों की वृद्धि दर पिछले सालों की तुलना में नीचे है और अक्टूबर में तो हवाई किरायों में कमी भी देखी गयी है ऐसे में इंडिगो प्रमुख का यह कथन काफी रोचक है।
ताजा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सितंबर में हवाई यात्रियों की संख्या में मात्र 1.18 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी। इस दौरान इंडिगो की बाजार हिस्सेदारी 48.2 प्रतिशत रही। हालांकि, विमान ईंधन पर ऊंचे कर समेत अन्य समस्याओं को स्वीकार करते हुए दत्ता ने कहा कि अभी भी देश के विमानन क्षेत्र में आगे बढ़ने के बेहतर अवसर मौजूद हैं। पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, 'हम भारतीय विमानन क्षेत्र के स्वर्णिम काल में हैं और इसमें आगे विस्तार की व्यापक संभावनाएं हैं। समस्यायें हमेशा रहतीं हैं, कुछ मुद्दे भी रहते ही हैं और आर्थिक चक्र भी होता है लेकिन बुनियादी कारक मजबूत हैं।' उन्होंने कहा कि देश में विमान ईंधन पर कर विश्व के मुकाबले 30 प्रतिशत अधिक है।
विमान ईंधन को माल एवं सेवाकर के दायरे में लाने की मांग लंबे समय से लंबित है। उन्होंने कहा कि इससे आगे एयरलाइंस कंपनियों को चुकाये गये कर पर क्रेडिट भी मिलेगा। इंडिगो अपना परिचालन का तेजी से विस्तार कर रही है। कंपनी ने पिछले एक साल में 11 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मार्ग पर अपनी सेवाएं शुरू की हैं। हाल ही में कंपनी ने एयरबस को 300 नए विमान का ऑर्डर दिया है।
दत्ता ने कहा कि सभी घरेलू एयरलाइंस के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है। दुनियाभर की एयरलाइंस कंपनियों के साझा हित हैं। यह विमान ईंधन पर कर से लेकर बुनियादी ढांचे के मुद्दे तक जाते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि उनकी यात्रियों के लिए कोई भी लॉयल्टी कार्यक्रम शुरू करने की योजना नहीं है। कंपनी ने इसका अध्ययन करने के बाद इसे खारिज कर दिया है। यह बहुत महंगा है और इंडिगो कम लागत पर परिचालन करने वाली कंपनी है और कंपनी इसे कम ही रखना चाहती है। सितंबर में इंडिगो से 55.59 लाख यात्रियों ने यात्रा की।