नई दिल्ली। भारतीय कपड़ा उद्योग का कारोबार अगले पांच साल में मौजूदा 108 अरब डॉलर से दोगुना होकर 223 अरब डालर तक पहुंचने की उम्मीद है। देश के सबसे पुराने उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर की उद्योग मामलों की समिति के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने यह अनुमान व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि कपड़ा उद्योग का देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में करीब पांच प्रतिशत का योगदान है, जबकि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में यह 14 प्रतिशत भागीदारी रखता है। अग्रवाल ने कहा कि तकनीकी कपड़ा उद्योग का भी तेजी से विकास हो रहा है। यह उद्योग भी समूचे कपड़ा उद्योग के अनुपात में उसी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में वैश्विक कपड़ा उद्योग राजस्व में तकनीकी कपड़ा कारोबार का 29 प्रतिशत हिस्सा रहा है। वर्ष 2015 से 2020 के दौरान तकनीकी कपड़े की मांग बेहतर बने रहने की उम्मीद है। वाहन, निर्माण, स्वास्थ्य और खेलकूद क्षेत्र में विशेष प्रकार के तकनीकी कपड़ों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। तकनीकी कपड़ों से आशय ऐसे विशेष प्रकार के कपड़ों से है जो कि अस्पतालों, खेलकूद के मैदानों और निर्माण गतिविधि वाले स्थानों अथवा वाहन कलपुर्जों के कारखानों आदि में काम आते हैं।
उन्होंने कहा कि 2015 में वैश्विक तकनीकी कपड़ा बाजार 153 अरब डॉलर का था, जिसके 2020 तक 194 अरब डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है। भारत में तकनीकी कपड़ों का बाजार 2015-16 में 92,499 करोड़ रुपए रहा, जिसके 2017-18 में बढ़कर 1,16,217 करोड़ रुपए तक पहुंच जाने का अनुमान है।