मंत्री ने कहा, “जब हमारी सरकार बनी तो कुल कर राजस्व 13 लाख करोड़ रुपए था। पिछले तीन सालों में यह बढ़कर 20 लाख करोड़ रुपए हो गया। और नोटबंदी और जीएसटी के बाद यह बढ़कर 28 लाख करोड़ से ज्यादा हो जाएगी। यहां तक कि यह 30 लाख करोड़ के आंकड़े को भी छू सकती है।” यह आंकड़े थोड़े आशावादी प्रतीत होते हैं, क्योंकि वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि जीएसटी के पहले वर्ष में कुल राजस्व संग्रह में वृद्धि कम हो सकती है।