मुंबई। चीन में भारी गिरावट को वैश्विक अर्थव्यवस्था और विशेष तौर पर दक्षेस क्षेत्र के लिए बड़ा जोखिम करार देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि केंद्रीय बैंक अपने हस्तक्षेप के जरिए विनिमय दर में किसी तरह के भारी उतार-चढ़ाव को संयमित कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने वाह्य खतरों के बचाव के लिए चार तरह के सुरक्षात्मक उपाय किए हैं, इनमें अच्छी नीति, विवेकपूर्ण पूंजी प्रवाह प्रबंधन एवं दूसरे देशों के साथ विदेशी मुद्रा की अदला-बदली के करार, विनिमय दर में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोकना और एक अच्छा विदेशी मुद्रा भंडार खड़ा करना शमिल है।
गवर्नर राजन ने दिया बड़ा बयान, कहा-लाइसेंस राज गया लेकिन इंस्पेक्टर राज अभी बरकरार
राजन ने वृद्धि बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न ढांचागत सुधारों का उल्लेख करते हुए कहा, हमारी मजबूती के लिए अच्छी नीति आवश्यक है। उन्होंने कहा, आरबीआई विनिमय बाजार में हस्तक्षेप के जरिए (रुपए की) विनिमय दर में किसी भारी उतार-चढ़ाव के दौर को संयमित करता रहा है। यह हस्तक्षेप हालांकि तभी किया जाता है, जबकि उतार-चढ़ाव बहुत अधिक हो रहा होता है। इसके अलावा आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार तक पहुंच भी बढ़ा रहा है, जिसमें आरक्षित भंडारों की पूलिंग भी शामिल है।
दिल्ली में सार्कफिनांस गवर्नर्स सिंपोजियम में अपने उद्घाटन भाषण में राजन ने यह भी कहा कि दक्षेस के कुछ देशों ने भारत के साथ विदेशी विनिमय की अदालता-बदली के समझौते के तहत धन की निकासी भी की है ताकि अल्पकालिक विदेशी विनिमय देशों के साथ अदला-बदली की व्यवस्था वापस ले ली गई है ताकि विदेशी मुद्रा की अल्पकालिक आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके। उम्मीद है उन्हें इससे फायदा भी हुआ होगा। सार्कफिनांस, दक्षिण एशियायी क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) क्षेत्र के केंद्रीय बैंक गवर्नरों और वित्तीय सचिवों का नेटवर्क है। राजन ने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था में भारी नरमी वैश्विक अर्थव्यवस्था और दक्षेस क्षेत्रों के लिए बड़ा जोखिम है।